West Bengal: पश्चिम बंगाल में साल 2021 में चुनावों के बाद हुई हिंसा के 40 से ज्यादा मुकदमों का ट्रायल राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की CBI की याचिका पर SC में सुनवाई टल गई. SC ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दाखिल लिखित दलीलों पर जवाब दाखिल करने के लिए CBI की तीन हफ़्ते का वक्त और दिया है.
CBI का कहना है कि इन मामलों में शिकायतकर्ताओं, गवाहों यहां तक कि वकीलों को खुलेआम धमकाया जा रहा है, जिसके चलते राज्य में इन केस का स्वतंत्र ट्रायल संभव नहीं है. पिछ्ली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य की विभिन्न अदालतों में चल रहे इन मुकदमों पर रोक लगा दी थी. राज्य सरकार ने CBI की इस मांग का विरोध किया है
जानें क्या है पूरा मामला
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद हिंसा की वजह से अपना घर छोड़ने वाले कई लोगों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने दावा किया था कि सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें घर वापस आने नहीं दे रहे हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 31 मई 2021 को तीन सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया था. इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा से विस्थापित हुए लोग अपने घर वापस आ सके.
उच्च न्यायालय ने ये आदेश चुनाव बाद हिंसा की शिकायतों की जांच के लिए गठित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सात सदस्यीय समिति की रिपोर्ट की जांच करने के बाद दिया था. तब बंगाल सरकार ने इस रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाए थे.
ये भी पढ़ें: ‘लॉलीपॉप लागेलू’ गाने पर जमकर नाचे बॉलीवुड वाले, अंबानी के घर शादी में रवि किशन, खेसारी का जलवा