Punjab Illicit Liquor Case: पंजाब में अवैध शराब के मामले को लेकर गुरुवार (15 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि जिस इलाके में अवैध शराब की भठ्ठी पाई जाएगी, वहां की पुलिस को जवाबदेह मानकर कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जनवरी के लिए टाल दी है. पिछले हफ्ते कोर्ट ने कहा था कि ऐसा लगता है पंजाब में हर गली में अवैध शराब की भट्ठी खुली है. सीमावर्ती राज्य की ऐसी स्थिति खतरनाक है.


पंजाब की भगवंत मान सरकार ने सोमवार (5 दिसबंर) को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वीकार किया था कि बड़ी संख्या में अवैध शराब निर्माण इकाइयों से निपटना राज्य के सामने एक बड़ी चुनौती है. पिछले दो महीनों में ऐसी 13,000 से अधिक इकाइयों को बंद कर दिया गया है, लेकिन नई इकाइयां खुल गई हैं. पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत सिन्हा ने जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ के सामने ये दलील दी थी. 


पंजाब सरकार ने कही ये बात


पीठ ने चेतावनी दी थी कि अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले राज्य के लिए यह एक बड़ी समस्या है, क्योंकि बाहरी तत्वों के लिए राज्य के युवाओं को ड्रग्स और अवैध शराब से बिगाड़ना आसान है. अजीत सिन्हा ने कहा था कि राज्य सरकार और पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई अब सही रास्ते पर है.


उन्होंने कहा था कि पिछले दो महीनों में 13,000 से अधिक अवैध इकाइयों को नष्ट कर दिया गया है. अपराधियों से जुर्माने के रूप में करीब 20 करोड़ रुपये वसूल किये गये हैं. हमने एक एसआईटी का गठन किया है, जो पुलिस की मदद से अवैध शराब बनाने वाली इकाइयों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए घर-घर की तलाशी ले रही है.


क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?


पीठ ने कहा था कि एक और त्रासदी होने का इंतजार न करें और राज्य को शराब के अवैध निर्माण के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई करनी चाहिए. कोर्ट ने सिन्हा से कहा कि वह राज्य सरकार पर अवैध और नकली शराब के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने और अवैध शराब बनाने वाली इकाइयों का पता लगाने में मैनपावर को बढ़ाने के लिए जुर्माने की राशि का उपयोग करने के लिए दबाव डालें. कोर्ट ने पंजाब (Punjab) सरकार से घरेलू और कमर्शियल उद्देश्यों के लिए शराब के अवैध निर्माण को रोकने के लिए उठाए गए ठोस कदमों के बारे में एक सप्ताह के भीतर सूचित करने को कहा था. 


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