असम: एनआरसी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, सरकार ने की डेडलाइन बढ़ाने की मांग
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार नहीं चाहती कि असम के किसी भी एक नागरिक के साथ ज्यादती हो और यह भी नहीं चाहती कि कोई विदेशी इस लिस्ट में शामिल हो जाए. यही कारण है कि सरकार फाइनल ड्राफ्ट के पहले पूरे असम में लगभग 40 लाख लोगो का आकस्मिक सत्यापन कराना चाहती है जिससे सच्चाई सामने आ सके.
नई दिल्ली: असम में नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. सरकार ने कोर्ट से 31 जुलाई की डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है. दरअसल असम में बारिश और बाढ़ की वजह से एनआरसी के कामकाज में देरी हो रही है. जिसके चलते गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाने की अपील की है. जबकि कोर्ट ने फाइनल ड्राफ्ट पेश करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया है.
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट आने में अभी कुछ महीनों का वक्त और लग सकता है. इसके पीछे की बड़ी वजह है कि जरूरी पहचान के काम का पूरा ना हो पाना. 23 जिलों में आई बाढ़ से पूरे असम में जनजीवन अस्त व्यस्त है. वहीं एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक का ही समय दिया है. कोर्ट के मुताबिक असम में कितने भारतीय हैं और कितने विदेशी, इस पर फाइनल ड्राफ्ट 31 जुलाई तक पेश करना है.
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देकर बताया कि सरकार फाइनल ड्राफ्ट से पहले असम के बॉर्डर इलाको में 20% और 10% लोगों का पुनर्सत्यापन करना चाहती है, ये संख्या 40 लाख तक हो सकती है. इसके साथ ही पूरे देश मे पहली बार नागरिक पहचान के दस्तावेजों के लिए बैकअप सर्वर बनाया गया है. इस सर्वर पर करीब 1500 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है.
माना जा रहा है कि यही वजह है कि सरकार ने एफिडेविट में कोर्ट से अपील की है कि सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ायी जाए. इसके बावजूद समय सीमा बढ़ेगी या नहीं या नहीं इस पर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट को ही करना है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार नहीं चाहती कि असम के किसी भी एक नागरिक के साथ ज्यादती हो और यह भी नहीं चाहती कि कोई विदेशी इस लिस्ट में शामिल हो जाए. यही कारण है कि सरकार फाइनल ड्राफ्ट के पहले पूरे असम में लगभग 40 लाख लोगो का आकस्मिक सत्यापन कराना चाहती है जिससे सच्चाई सामने आ सके.