नई दिल्ली: सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बाग़ी विधायकों की तरफ़ से दाखिल याचिका पर सोमवार को राजस्थान हाई कोर्ट में क़रीब छह घंटे से ज़्यादा समय तक सुनवाई चली. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती और जज प्रकाश गुप्ता की बेंच में इस मामले की सुनवाई कल सुबह साढ़े दस बजे से फिर शुरू होगी.


आज सुबह दस बजे ही हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई. सबसे पहले अभिषेक मनु सिंघवी ने गहलोत गुट की पैरवी शुरू की. लेकिन इस बीच पब्लिक अगैंस्ट करप्शन संस्था की तरफ़ से वकील पूनम चंद भंडारी पार्टी बनने के लिए कोर्ट में दाखिल होने लगे, लेकिन भंडारी को कोर्ट में जाने से रोका गया तो वो कोर्ट के बाहर धरने पर बैठ गए.


बाद में उनकी अर्ज़ी स्वीकार कर ली गई और उन्हें कोर्ट में बोलने दिए जाने पर सहमति दे दी गई. अब भंडारी मंगलवार को कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे. इसके बाद गहलोत गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मणिपुर और उत्तराखंड समेत कई राज्यों से जुड़े मामलों के फ़ैसलों का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि विधानसभा की तरफ़ से बाग़ी विधायकों को दिए गए नोटिस सही हैं. इन बाग़ी विधायकों ने पार्टी व्हिप का पालन नहीं किया और पार्टी विरोधी काम किया.


सिंघवी क़रीब तीन घंटे तक कोर्ट में तर्क देते रहे फिर अदालत ने कार्रवाई को लंच के कारण रोक दिया. एक घंटे के लंच ब्रेक के बाद दोपहर दो बजे अदालत की कार्रवाई फिर शुरू हुई और थोड़ी देर तक अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने तर्क दिए. इसके बाद राज्य सरकार के महाधिवक्ता एम एस सिंघवी ने भी इस मुद्दे पर बहस करते हुए अपनी बात रखी.


उन्होंने भी स्पीकर की तरफ़ से दिए गए नोटिस को सही बताते हुए कहा कि अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसलिए ये मामला इस अदालत में सुने जाने योग्य नहीं है. राजस्थान विधानसभा में मुख्य सचेतक डा. महेश जोशी जिनकी शिकायत पर स्पीकर ने बाग़ी 19 विधायकों को नोटिस दिए हैं. उनके वकील देव दत्त कामथ का नम्बर इसके बाद आया.


कामथ ने दलील दी कि विधायकों का कृत्य नोटिस की परिधि में आता है. उनके मुवक्किल ने इनके कृत्य की जो शिकायत की थी वो इसलिए कि उन्होंने दो बार बुलाए जाने के बाद भी पार्टी बैठक में हिस्सा नहीं लिया. इस बीच शाम के साढ़े चार बज चुके थे, पायलट गुट के वकील हरीश साल्वे ने रिजोईनडर के ज़रिए बहस की इच्छा जताई.


इस पर अदालत ने साल्वे से पूछा कि क्या वो अभी बहस करेंगे. साल्वे ने कहा कि नहीं वो बुधवार को बहस करेंगे. अदालत ने इस बीच विधानसभा के अध्यक्ष के वकील से पूछा कि क्या स्पीकर अपनी तरफ़ से कार्रवाई नहीं करने की समय सीमा को बढ़ा सकते है? स्पीकर के वकील ने कहा कि अगर 19 विधायक स्पीकर को अपना जवाब दे दें तो हम समय सीमा बढ़ा सकते हैं. इस पर सचिन पायलट गुट के वकील हरीश साल्वे बोले कि नहीं उनके मुवक्किल स्पीकर को जवाब नहीं देंगे, कोर्ट ही मामला तय करे.


इस पर कोर्ट की कार्रवाई आधे घंटे तक के लिए रोक दी गई. पांच बजे अदालत फिर शुरू हुई और सचिन पायलट गुट के वकील हरीश साल्वे ने रिजोईनडर से फिर बहस शुरू की. साल्वे ने तर्क दिया कि इन 19 विधायकों को दिए गए नोटिस इसलिए ग़लत हैं क्योंकि इन्होंने कोई पार्टी विरोधी काम नहीं किया है. साल्वे ने तो अदालत में ये तक कह दिया कि इन नोटिस को जारी करने से पहले मस्तिष्क का इस्तेमाल ही नहीं किया गया लगता है.


साल्वे ने कहा कि ये 19 विधायक स्पीकर के नोटिस का कोई जवाब नहीं देंगे, मामला अदालत तय करे. अब तक क़रीब साढ़े छह बज चुके थे जज मोहंती ने कहा कि आगे मंगलवार को सुबह दस बजे फ़िर से बहस शुरू होगी. सुबह मुकुल रोहतगी बहस शुरू करेंगे इसके बाद पूनम चंद भंडारी को अवसर दिया जाएगा.


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