Bilkis Bano Case: '...तो अखबार में छपवाया जाए, ताकि दोबारा सुनवाई न टालनी पड़े', बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी गई कि रिहा हुए एक दोषी को अभी तक कोर्ट का औपचारिक नोटिस नहीं मिला है, क्योंकि वह घर पर उपलब्ध नहीं है.
Supreme Court Bilkis Bano Case Hearing: बिलकिस बानो केस के दोषियों की रिहाई के खिलाफ लगी याचिका पर मंगलवार (9 मई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को जानकारी दी गई कि रिहा हुए एक दोषी को अभी तक कोर्ट का औपचारिक नोटिस नहीं मिला है, क्योंकि वह घर पर उपलब्ध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता एक बार फिर नोटिस सर्व करने की कोशिश करें.
कोर्ट ने कहा कि अगर सफलता न मिले तो पब्लिक नोटिस एक गुजराती और एक अंग्रेजी अखबार में छपवाया जाए, ताकि दोबारा सुनवाई न टालनी पड़े. 11 जुलाई को अगली सुनवाई होगी. इससे पहले जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच के समक्ष एडवोकेट शोभा गुप्ता (बिलकिस बानो के लिए) ने कहा कि गुजरात पुलिस ने सहयोग किया, लेकिन पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी नोटिस नहीं दिया जा सका. प्रतिवादी घर पर नहीं, उनका फोन स्विच ऑफ है. परिजन का कहना है कि हमें कुछ पता नहीं है. पूरी दुनिया जानती है कि यह केस चल रहा है.
"हर हफ्ते पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगवाएं"
गुप्ता ने कहा कि मैं इस अदालत से विनती करूंगी. प्रतिवादियों को हर हफ्ते पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने दें. कृपया आदेश 53 लागू करें, गिरफ्तारी के वारंट जारी किए जाएं. इस पर कोर्ट ने कहा कि दूसरा तरीका क्या है? अखबार में छपवाया जाए. जिसका गुप्ता ने विरोध किया. कोर्ट ने कहा कि एससी रजिस्ट्री क्या कहती है? वह पूरी कार्यवाही को रोके हुए है. वह स्पष्ट रूप से जागरूक है. उनके वकील दूसरे मामले में पेश हो रहे हैं.
कोर्ट ने काउंसल से कहा कि क्या आप नोटिस स्वीकार करने के लिए तैयार हैं? काउंसल ने कहा कि मेरे पास कोई निर्देश नहीं है, वो संपर्क में नहीं है. कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा से पूछा कि अदालत के एक अधिकारी के रूप में आप क्या सोचते हैं? लूथरा ने कहा कि शायद पेपर प्रकाशन किया जा सकता है. फिर इस मामले की सुनवाई अवकाश के बाद जुलाई में होनी चाहिए.
सार्वजनिक नोटिस जारी करने का दिया निर्देश
कोर्ट ने सार्वजनिक नोटिस जारी करने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया और कहा कि किसी भी परिस्थिति में, इस पर जुलाई में सुनवाई होगी. आपके पास समय है. सब कुछ ठीक से किया जाना चाहिए. सुनवाई की अगली तारीख पर, ये तर्क नहीं दिया जा सकता कि काम अधूरा रह गया है. अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.
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