Rahul Gandhi Disqualification: 'मोदी सरनेम' केस में राहुल गांधी की याचिका पर सूरत कोर्ट में सुनवाई जारी, पढ़ें अब तक किसने क्या कहा
Rahul Gandhi Disqualification Row: 'मोदी सरनेम' केस में अयोग्य ठहराए गए राहुल गांधी की याचिका पर आज (13 अप्रैल) सूरत कोर्ट में सुनवाई हो रही है. उन्होंने सजा पर रोक की याचिका दाखिल की थी.
Modi Surname Row: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरफ से सजा पर रोक लगाने वाली याचिका पर सूरत की सेशंस कोर्ट में सुनवाई जारी है. जज रॉबिन मोगेरा विशेष रूप से गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान सीनीयर एडवोकेट आरएस चीमा ने राहुल गांधी की बात को कोर्ट के सामने रखा.
सीनीयर एडवोकेट आरएस चीमा ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 389 में अपील लंबित होने पर सजा के निलंबन का प्रावधान है. उन्होंने कहा सत्ता एक अपवाद है लेकिन कोर्ट को सजा के परिणामों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या दोषी को अपूरणीय क्षति होगी. ऐसी सजा मिलना अन्याय है.
'सजा के कारण निर्वाचन क्षेत्र का नुकसान'
उन्होंने कहा कि सजा के कारण निर्वाचन क्षेत्र का नुकसान और दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए अयोग्यता को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी 'असाधारण' परिस्थितियों में रखा जाता है. इस तरह के मामलों में एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए. इस बात को भी देखा जाना चाहिए कि राहुल 2019 में वायनाड, केरल से 4,31,070 मतों के अंतर से लोकसभा के सदस्य चुने गए, जो एक रिकॉर्ड अंतर था लेकिन अब उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
राहुल गांधी के वकील आरएस चीमा ने तर्क दिया कि विपक्ष का काम सरकार का विरोध करना है. सरकार की नाकामी पर सवाल उठाना विपक्ष की जिम्मेदारी है. राहुल को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है. उन्होंने गुजरात के बीजेपी सांसद नारन भाई कछड़िया के मामले का हवाला देते हुए कहा कि उनपर तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई
'नरमी दिखाने की जरूरत नहीं'
याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी ने सेशंस कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा कि राहुल गांधी कोर्ट पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी वजह से वो अपील के वक्त बड़े नेताओं के साथ आए थे. वहीं, शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की तरफ से एडवोकेट हर्षित टोलिया ने कहा कि इस मामले में किसी भी तरह की नरमी दिखाने की जरूरत नहीं है. सांसद होने के नाते अगर वह कोई अपराध करते हैं तो यह और गंभीर हो जाता है.
किस मामले में मिली है सजा
दरअसल, पिछले महीने राहुल गांधी को गुजरात की एक कोर्ट ने 2019 में कोलार में कांग्रेस के चुनाव अभियान के दौरान उनके बयानों के लिए दोषी ठहराया था. राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 504 के तहत जानबूझकर शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने का दोषी पाया गया था. दोषी पाए जाने के बाद उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता खो दी थी और उन्हें अपना सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश दिया गया था.
मुख्य याचिका और दो आवेदन
बता दें कि, राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट में एक मुख्य याचिका दाखिल की थी और 2 आवेदन किए थे. मुख्य याचिका में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी. जबकि 2 आवेदनों में से पहली अर्जी दोषसिद्धि (Conviction) पर रोक लगाने की थी, वहीं दूसरी अर्जी सजा पर स्टे लगाने से जुड़ी थी.
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