Heatwave Deaths: देशभर में इस वक्त लोगों को भीषण हीटवेव की वजह से मुसीबत झेलनी पड़ रही है. सूरज आसमान से आग बरसा रहा है, जिसमें झुलसकर कर आम लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है. हीटवेव की सबसे ज्यादा मार उत्तर भारत के राज्यों पर पड़ रही है, जहां दिन में तापमान 45 डिग्री के पार चला जा रहा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गर्मियों के मौसम में हीटस्ट्रोक के 40,000 से ज्यादा केस देशभर में सामने आए हैं. अभी तक देशभर में 100 से ज्यादा लोगों की हीटवेव से जान गई है. 


उत्तर भारत में पड़ रही गर्मी की वजह से हीटवेव से होने वाली मौतों में इजाफा देखने को मिला है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में कई लोगों की मौत भीषण हीटवेव की वजह से हुई है. आलम ये हो चुका है कि अब गर्मी की वजह से पेड़ों से चिड़िया गिरने लगी हैं. उत्तर-पश्चिमी भारत के राज्यों में दिन और रात दोनों का तापमान सामान्य से कई डिग्री अधिक हो चुका है. इसकी वजह से गर्मी से संबंधित वजहों के चलते अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है.


मार्च से जून के बीच देश में 40 हजार से ज्यादा हीटस्ट्रोक के मामले


रॉयटर्स ने स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि 1 मार्च से 18 जून के बीच 40,000 से अधिक संदिग्ध हीटस्ट्रोक के मामले सामने आए. इस दौरान कम से कम 110 लोगों की मौतों की पुष्टि हुई है. उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में हीटवेव चलने वाले दिनों में दो गुना इजाफा हुआ है. मध्य प्रदेश में मई के महीने में हीटस्ट्रोक के 5200 मामले सामने आए हैं, जबकि राजस्थान में हीटस्ट्रोक की वजह से बीमार पड़ने वाले लोगों की संख्या 4300 से ज्यादा रही है. 


किस राज्य में हीटवेव से कितनी मौतें? 


दिल्ली में हीटवेव की वजह से 20 लोगों की मौत हुई है, जबकि यूपी में भी कई लोगों की जान गई है. गाजियाबाद में अकेले 30 लोगों को जान गंवानी पड़ी है. इसी तरह से नोएडा में भी 14 लोगों की मौत हुई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यूपी के 8 जिलों में 44 लोगों के मारे जाने की खबर है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बिहार में पिछले 24 घंटे में 29 लोगों की मौत हुई है, जबकि कुछ दिन पहले तक 45 लोगों के हीटवेव से जान गंवानी की जानकारी सामने आई थी. 


एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान को लेकर बताया जा रहा है कि यहां 19 जून तक 6000 से ज्यादा हीटवेव के केस सामने आए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हीटस्ट्रोक से 16 लोगों की मौत हुई है, जबकि लोगों का कहना है कि मरने वाले लोगों की संख्या दर्जनों में हो सकती है. देश के कई अन्य राज्यों में भी मौत के मामले सामने आए हैं, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इस बात की पुष्टि हो पाएगी की मरने वाले लोगों की मौत की वजह हीटवेव थी या कुछ और.


दिल्ली में 9 दिन में 192 बेघरों की मौत, 48 घंटे में मिले 50 शव


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बेघर लोगों के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन ‘सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट’ ने दावा किया है कि 11 से 19 जून के बीच दिल्ली में भीषण गर्मी के कारण 192 बेघर लोगों की मौत हुई. पिछले 48 घंटों के दौरान दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से वंचित सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से जुड़े 50 लोगों के शव भी बरामद किए गए. हालांकि, पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या सभी की मौत गर्मी से संबंधित कारणों से हुई. 


हीटवेव के मरीजों से भरे दिल्ली के अस्पताल


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के राममनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में पिछले दो दिन में 22 मरीज लाए गए. अस्पताल में पांच मौतें हुई हैं और 12 से 13 मरीज लाइफ सपोर्ट पर हैं. सफदरजंग अस्पताल में लू लगने से बीमार होने के कुल 60 मरीज आए, जिनमें से 42 को भर्ती किया गया. अस्पताल ने छह लोगों की मौत की सूचना दी है. लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में हीटस्ट्रोक के कारण चार मरीजों की मौत हो गई है.


एलएनजेपी अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को संदिग्ध हीटस्ट्रोक के कारण दो मौतें हुईं और बुधवार को भी दो लोग हताहत हुए. हीटस्ट्रोक के 16 मरीज भर्ती हैं. सर गंगाराम अस्पताल में रोजाना ओपीडी में हीटस्ट्रोक के 30 से 35 मामले सामने आ रहे हैं. पुलिस ने कहा कि उसे सुरक्षा गार्डों, भिखारियों या वंचित वर्ग के लोगों की अस्वभाविक मौतों के संबंध में फोन पर सूचना मिल रही है. 


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