Kerala Rains Updates: केरल में लगातार हो रही बारिश से हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. भूस्खलन-बाढ़ के कारण कई जिलों में जन जीवन अस्त व्यस्त है. इस तबाही से राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 42 पहुंच गया है. मौसम विभाग ने राज्य में एक बार फिर भारी बारिश की चेतावनी दी है. मौसम विभाग के मुताबिक, 21-25 अक्टूबर के दौरान केरल और माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में गरज और बिजली के साथ भारी बारिश होने की संभावना है.
राज्य के कई हिस्सों में गुरुवार को गरज के साथ भारी बारिश हुई. वहीं, मौसम विभाग ने बारिश की संभावना को देखते हुए राज्य के आठ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विज्ञान विभाग ने पतनमथिट्टा, कोट्टायम, इडुक्की, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वयनाड और कन्नूर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं, विभाग ने तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, एर्नाकुलम, त्रिशूर और कासरगोड जिलों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया. आईएमडी के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में सक्रिय है. राज्य के ज्यादातर हिस्से में बारिश हुई और लक्षद्वीप के भी कुछ जगहों पर बारिश दर्ज की गई.
मौसम विभाग के बयान के मुताबिक, पलक्कड़ जिले के पराम्बिकुलम में 12 सेंटीमीटर बारिश और एर्नाकुल के पल्लूरुथी में 11 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई. इसके मुताबिक, केरल तट पर गुरुवार को 40-50 किलोमीटर/घंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है, इसलिए मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है.
कक्की डैम के द्वार खोलने का फैसला
केरल में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राज्य के 10 बांधों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया और कक्की डैम के दो द्वार खोलने का फैसला लिया गया. इससे दक्षिण और मध्य केरल की कई नदियों का जलस्तर बढ़ेगा. 21 से 24 अक्टूबर के बीच राज्य में एक बार फिर भारी बारिश का अनुमान है. ऐसे में बांध से 100 से 200 क्यूमेक्स पानी छोड़ना अनिवार्य हो गया है. यदि ऐसा नहीं किया गया तो स्थित और खराब हो सकती है.
सबरीमाला यात्रा रोकी गई
कक्की डैम खोलने से पम्पा नदी का जलस्तर 15 सेंटीमीटर तक बढ़ सकता है. इस वजह से सबरीमामल के भगवान अयप्पा मंदिर में थुला मासम पूजा के लिए शुक्रवार से शुरू तीर्थयात्रा रोक दी गई है. वहीं, एनडीआरएफ की टीमें पम्पा नदी के तट पर बसे लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने के अभियान में जुटी है. वहीं, लोगों को हवाई मार्ग से भी निकालने की तैयारी है.
सीएम ने विशेषज्ञ समिति बनाई
बांधों में पानी के स्तर पर नजर रखने और उसकी सुचारु निकासी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की है. इसमें मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अलावा जलविज्ञानी, ढाचा इंजीनियर और पर्यावरणविद शामिल हैं. इस बीच रेड अलर्ट वाले ज्यादातर बांधों के पतनमतिट्टा, इडुक्की और त्रिशूर में होने के मद्देनजर वहां के लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है.
बता दें कि 16 अक्टूबर को हुई मूसलाधार बारिश में कितने घर तबाह हो गए. इससे पहले केरल में अगस्त 2018 में भी भारी बारिश के कारण बाढ़ आई थी. तब राज्य के 14 में से 13 जिले बुरी तरह प्रभावित हो गए थे.
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