गुजरात में सौराष्ट्र के कई हिस्सों में बुधवार को बारिश में कमी आने के बावजूद क्षेत्र के कई गांवों का संपर्क बाकी हिस्सों से टूटा हुआ है क्योंकि बाढ़ के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गयी हैं तथा कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित है. अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के कारण 157 सड़कें अब भी अवरुद्ध हैं जिससे यातायात की आवाजाही बाधित है.


मौसम विभाग ने भारी बारिश का लगाया अनुमान


इनमें जामनगर जिले में स्थित एक राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, भावनगर, अमरेली और सूरत जिलों में 17 राज्यीय राजमार्ग और गांवों को जोड़ने वाली 127 पंचायत सड़कें शामिल हैं. दक्षिण गुजरात में सूरत जिले के कई हिस्सों में बुधवार को भारी बारिश हुई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार सुबह तक राज्य में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया है.


राज्य परिवहन निगम ने कहा कि 165 मार्गों के बंद होने से उसकी बसें 522 फेरे नहीं लगा पाएंगी जिनमें से ज्यादातर फेरे जामनगर, जूनागढ़ और राजकोट जिले में लगाए जाने वाले थे. ये इलाके रविवार और सोमवार को भारी बारिश के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए. अधिकारियों ने बताया कि इन जिलों में तीन प्रमुख बांधों से नदियों में पानी छोड़े जाने के कारण राजकोट, जामनगर और पोरबंदर में 48 गांव प्रभावित हैं.


अब तक राज्य में 598.26 मिलीमीटर हो चुकी है बारिश


राज्य के आपात अभियान केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, गुजरात में इस मानसून में अब तक 598.26 मिलीमीटर बारिश हुई है. मंगलवार को सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में सबसे अधिक बारिश हुई. उसके मंगरोल तालुक में बुधवार को सुबह छह बजे तक 24 घंटे की अवधि में 157 मिमी बारिश हुई. केंद्र ने बताया कि इस अवधि के दौरान जिले के केशोद तालुक में 126 मिमी, जूनागढ़ तालुक में 97 मिमी, वन्थाली में 97 मिमी और मालिया में 94 मिमी बारिश हुई.


उसने बताया कि बुधवार को सुबह छह बजे से दस बजे तक सूरत जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई. राज्य के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को जामनगर के बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बाढ़ से प्रभावित लोगों को मदद का आश्वासन दिया.


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