मुंबई: महाराष्ट्र के 4 जिलों में बारिश कहर बनकर बरस रही है, लगातार हो रही बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं. मूसलाधार बारिश का नतीजा है कि सड़कों से लेकर कॉलिनियां तक पानी में डूब चुकी हैं. कोल्हापुर, सतारा, सांगली और अकोला में जल प्रलय जैसे हालात बन गए हैं. कोल्हापुर में पंचगंगा नदी में आए उफान के बाद हालात बिगड़ गए. 50 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ में फंसे हैं.


वहीं सतारा, सांगली और अकोला जिले में भी बाढ़ से हालात बेकाबू हो चुके हैं. खेत-खलिहान, सड़कें हर जगह पानी है. यहां तक कि लोगों का घर तक पानी में डूब चुका है. बारिश की वजह से कोल्हापुर में स्कूल-कॉलेज बंद हैं, यहां 15 दिनों से लगातार बारिश की वजह से जल इमरजेंसी जैसी स्थिति है. पश्चिमी महाराष्ट्र में लगातार बारिश के बीच पुणे से बेंगलुरु के लिए जाने वाले नेशनल हाईवे 4 पर लंबे जाम की स्थिति बन गई. जाम में फंकर ट्रकों की लंबी कतार लग लग गई.


सागंली और कोल्हापुर के कई इलाकों में दूर तक पानी का साम्राज्य है. एनडीआरएफ की टीम बोट के जरिए लोगों को बचाने में जुटी है. रिहायशी इलाकों में एनडीआरएफ नाव के जरिए लोगों की जिंदगी को बचाने की कोशिश कर रही है. एक-एक घऱ से महिलाएं-बुजुर्ग सब को सकुशल बाहर निकाला जा रहा है और सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया जा रहा है.


बाढ़ में फंसे लोगों की मदद और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए एयरफोर्स और कोस्टगार्ड भी तैनात है. कोल्हापुर में रेस्क्यू के लिए कुल 22 टीमों को लगाया गया है. एनडीआरएफ की 5 और नौसेना की 14 टीम जिले में मौजूद हैं, इसके साथ ही 200 के करीब जवानों वाली सेना की एक कॉलम भी रेस्क्यू में जुटी है. कोस्टगार्ड-SDRF की एक एक टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. सांगली में 11 टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं, जिसमें सेना-NDRF की 8, कोस्टगार्ड की 2 और सेना की एक टीम शामिल है.


मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सांगली और कोल्हापुर में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए हवाई सर्वेक्षण किया. क्षेत्र में भारी वर्षा के बाद ये सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं जहां कृष्णा और पंचगंगा नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फडणवीस से बात की और बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. एक अधिकारी ने बताया कि सांगली में राहत एवं बचाव कार्य में लगी एक नौका के पलट जाने से नौ लोग डूब गए और चार लापता हैं.