Water Logging: देश के कई राज्यों में बाढ़ (Flood) के हालात हैं. पिछले हफ्ते तक यूपी (Uttar Pradesh) के लोग बारिश के लिए तरस रहे थे लेकिन अब बारिश हुई तो हाहाकार मच गया. चित्रकूट (Chitrakoot) में गुरुवार को हुई भारी बारिश से सैलाब आ गया है. मूसलाधार बारिश की वजह से परमहंस आश्रम धारकुंडी में पानी का धारा फूट पड़ी. परमहंस आश्रम (Param Hans Ashram) पहाड़ी के बीच बना हुआ है. ऊपर से पानी की तेज धार सीढ़ियों से होती हुई नीचे की तरफ आई. देखते ही देखते आश्रम का निचला हिस्सा पानी में डूब गया. चित्रकूट में दो दिन से भारी बारिश हो रही है. जिससे आश्रम और उसके आसपास के इलाके जलमग्न हो गए हैं.


इसके अलावा यूपी में झांसी लेकर मऊ तक बारिश कहर बरपाने लगी है. यूपी के कई जिलों में कुछ घंटों की बारिश से पूरा शहर पानी पानी हो गया. सड़कें पानी से लबालब भरी हैं. सड़कों के किनारे बनी दुकानों में भी पानी भरने लगा है. आने जाने वाले लोग पानी में फंसे नजर आ रहे हैं. फतेहपुर में सड़कों पर करीब दो फीट तक पानी जमा हो गया जिससे आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.


किसानों के लिए राहत लेकिन शहरी इलाकों के लिए आफत


यूपी में फतेहपुर से लेकर झांसी मऊ और बस्ती हर तरफ ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिलीं. कहीं सड़कों पर पानी भर गया तो कहीं सरकारी दफ्तर पानी पानी हो गए तो कुछ जगहों पर स्कूली बच्चों को मुसीबत का सामना करना पड़ा. बारिश के इंतजार में बैठे यूपी के किसानों के लिए बारिश राहत लेकर आई लेकिन शहरी इलाकों में नालों की साफ सफाई ना होने से मुसीबत भी ले आई. मऊ जिले में तेज बारिश से जब सड़कें लबालब हुई तो आसपास की दुकानों के साथ सरकारी दफ्तर जलमग्न हो गए. मऊ के बिजली विभाग के कार्यालय के भीतर करीब एक फीट तक पानी भरा है. सरकारी दफ्तर के साथ ही आसपास के घरों में भी पानी भर गया है. इसके लिए लोग नगर पालिका को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. बस्ती में तेज बारिश की वजह से हरैया बभनान अंडर पास पानी से भर गया. झांसी में तो सैलाब के बीच एक ऑटो बीच सड़क पर फंस गया और उसे निकालने के लिए ड्राइवर को काफी मशक्कत करनी पड़ी


पूर्व मंत्री की नाव पलटी, बाल बाल बचे


आंध्र प्रदेश के कुछ जिले भी बाढ़ की चपेट में है. ऐसे में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे पूर्व मंत्री पानी में फंस गए. नदी में नाव पलटी गई. मामला आंध्र प्रदेश के कोनासीमा जिले के का है जहां सैलाब के बीच फंसे लोगों में कुछ खास लोग भी थे आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री उमामहेश्वर राव और डीटीपी विधायक राधाकृष्ण नाव से उतरते समय पानी में गिर गए. बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू गोदावरी के आसपास के बाढ़ प्रभावित जिलों के दौरे पर गए थे. उनके साथ पूर्व मंत्री और टीडीपी नेता भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे थे. सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन जैसे ही नाव किनारे पर आई और लोग नाव से उतरने लगे. इसी दौरान उमामहेश्वर राव और राधाकृष्ण का पैर फिसला और वो पानी में गिर गए. राहत की बात ये रही कि उन्हें बचाने के लिए वहां मौजूद मछुआरे पानी में कूद गए और वक्त रहते सुरक्षित बचा लिया गया.


ऐसा नजारा अलग-अलग लेकिन समस्या एक जैसी


पंजाब के बरनाला में भी बारिश से बुरा हाल है. थोड़ी सी बारिश में पूरा शहर जलमग्न हो गया. जहां तक आपकी नजर जाएगी सिर्फ पानी ही पानी दिखाई देगा. मानो पूरा शहर पानी के आगोश में समा गया हो. थोड़ी सी बारिश ने प्रशासन के इंतजामों की पोल खोल कर रख दी. पानी की निकासी का उचित इंतजाम ना होने की वजह से पूरा बाजार जलमग्न हो गया. सड़कों पर 2-3 फीट पानी भर गया. गाड़ियां पानी के बीच बंद हो गईं. सड़क पर पानी भरा है. कुछ लोगों की बाइक रास्ते में बंद हो गई. किसी तरह पानी के बीच लोग अपनी बाइक लेकर निकले. सड़क किनारे बनी दुकानों के मुहाने पर पानी भरने से पूरा बाजार बंद कर दिया गया. आपको एक भी दुकान खुली नजर नहीं आएगी. बारिश का पानी आसपास बने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी घुस गया. शहर के भीतर और बाहर हर तरफ पानी नजर आया. अंडरपास में भी पानी भर गया. जिससे आवाजाही रोक दी गई. अगर कोई वहां पहुंचा भी तो पानी देखकर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा सका. हमारा सरकारी तंत्र अगर अपनी जिम्मेदारी समय से निभाता तो शायद ऐसी तस्वीरें आए दिन देखने को ना मिलतीं.


महाराष्ट्र में बुरा हाल


महाराष्ट्र में सातारा से लेकर नासिक तक आसमानी आफत के आगे लोग बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं. जान जोखिम में डालकर स्कूली बच्चे पढ़ने जाने को मजबूर हैं. यहां भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं. बारिश के मौसम में हर साल आदिवासी इलाके में ये बच्चे हर साल बारिश में ऐसे ही जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं लेकिन प्रशासन को जैसे इन मासूमों की जान की कोई परवाह ही नहीं पानी का उफान ऐसा है अगर जरा सा पैर फिसला तो जान पर बन आ सकती है. गांव वाले कई साल से यहां पुल बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार को जैसे उनकी जरूरत और मजबूरी से कोई लेना देना नहीं हैं. महाराष्ट्र के सतारा में उफनते नाले को लोग जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं. महाबलेश्वर गांव के एक शख्स के निधन के बाद अंतिम संस्कार करना मुश्किल हो गया. किसी तरह लोगों ने जेसीबी के सहारे पेड़ के तने को रखकर उफनते नाले को पार किया.


भारी बारिश के बीच फंसे सैलानी


उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में भारी बारिश की वजह से यहां बना फुट ओवर ब्रिज पानी में बह गया जिससे सैकड़ों लोग फंस गए . लोगों की लंबी कतार लगी हुई है. जहां तक नजर जाएगी लोग ही लोग नजर आएंगे. फूलों की घाटी की सैर करने आए सैलानी (Tourist) भी रास्ते में फंस गए. लिहाजा वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और अस्थायी निर्माण कर रास्ते में फंसे लोगों को एक एक कर इस उफनते नाले को पार कराया.  उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithauragarh) में भी हालत जोशीमठ जैसी ही हैं. बस फर्क सिर्फ इतना भर है कि जोशीमठ में प्रशासन (Administration) लोगों की मदद कर रहा है और पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में प्रशासनिक मदद ना मिलने से लोग खुद रास्ता बना रहे हैं.


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