राजस्थान: टिड्डियों के खात्मे के लिए हेलीकॉप्टर से किया जा रहा है कीटनाशक का छिड़काव
हेलीकॉप्टर पर कीटनाशक लाद दिए जाने के बाद उस क्षेत्र के लिए रवाना हो गया है, जहां हवाई छिड़काव किया जाएगा. हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल से बड़े एरिया में टिड्डियों को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.
जैसलमेर: देशभर में टिड्डियों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. टिड्डियों के खात्मे के लिए सभी राज्य सरकारें पुरजोर कोशिश में लगी हुई हैं. राजस्थान में अब इस काम के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है. जैसलमेर में टिड्डियों का खात्मा करने के लिए एक हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है. इस हेलीकॉप्टर से टिड्डियों वाले क्षेत्र में हवाई केमिकल का छिड़काव कराया जा रहा है. इसके अलावा एक और हेलीकॉप्टर आज शाम तक पहुंचने की संभावना है.
एक अधिकारी ने बताया, "हेलीकॉप्टर पर कीटनाशक लाद दिए जाने के बाद उस क्षेत्र के लिए रवाना हो गया है, जहां हवाई छिड़काव किया जाएगा. हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल से बड़े एरिया में टिड्डियों को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी."
पहली बार हो रहा हेलीकॉप्टर का उपयोग पाकिस्तान से आने वाली टिड्डियों को मारने के लिए हेलीकॉप्टर मंगलवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से राजस्थान के बाड़मेर के लिए उड़ान भरा था. तब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि टिड्डियों को मारने के लिए देश में पहली बार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल हो रहा है. आने वाले दिनों में वायुसेना के चार और हेलीकाप्टर इस काम में लगाए जाएंगे.
कृषि मंत्री ने कहा कि करीब 28 साल बाद पिछले साल भारत में टिड्डियां आई थीं, लेकिन राजस्थान, गुजरात के कुछ जिलों के अलावा अन्य राज्यों तक इसका कोई ज्यादा प्रकोप नहीं था और उस समय प्रभावी तरीके से नियंत्रण हो पाया, लेकिन इस साल फिर टिड्डियों के आने का अंदेशा था इसलिए मंत्रालय ने फरवरी में ही इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी थी.
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन से माइक्रोनेयर मशीनें मंगाने का ऑर्डर पहले ही दे दिया गया था, लेकिन कोरोना के कहर से निपटने के लिए वहां लॉकडाउन होने के कारण मशीन की सप्लाई समय से नहीं हो पाई. 60 माइक्रोनेयर मशीनों का ऑर्डर दिया गया था जिनमें से 15 आ चुकी हैं और बाकी 45 भी 11 जुलाई आ जाएंगी.
ये भी पढ़ें- दिल्ली को टिड्डियों से फिलहाल मिली राहत, आगरा की ओर बढ़ा टिड्डी दल, अबतक खेती को खास नुकसान नहीं यूपी: गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में टिड्डी दल ने उड़ाई किसानों की नींद, खेतों में पीट रहे थालियां