Jharkhand Mining Lease Case: एक खनन लीज (Mining Lease) को अपने नाम करवाने के मामले में झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को किसी भी प्रकार राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. इस कारण अब उनकी विधानसभा सदस्यता (Assembly Membership) रद्द होने का खतरा बढ़ गया है.


दरअसल केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने लाभ के पद पर होने के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल रमेश बैस से की है. इस संबंध में चुनाव आयोग की राय राजभवन पहुंच गई है. जिसके बाद किसी भी समय हेमंत सरकार के भविष्य पर फैसला आ सकता है.


अधिनियम 1951 की धारा 9ए के तहत कार्रवाई


राजभवन के सूत्रों के अनुसार जानकारी मिल रही है कि खनन लीज मामले में मुख्यमंत्री सोरेन के खिलाफ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के तहत कार्रवाई करने के सिलसिले में आयोग की राय राजभवन पहुंच गई है. इसके बाद अब संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने का अंतिम फैसला राज्यपाल ही ले सकते हैं.


राज्यपाल रमेश बैस करेंगे फैसला


इसी बीच गुरुवार को राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) नई दिल्ली (Delhi) से रांची (Ranchi) लौट आए हैं. फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि रांची स्थित झारखंड राजभवन में राज्यपाल इस मामले में कब और क्या फैसला लेते हैं. बता दें कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने सोरेन पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन करने का दोषी पाया था.


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