Bangladeshi Infiltration In Jharkhand: झारखंड चुनाव से पहले बांग्लादेशी घुसपैठ पर बवाल! SC ने केंद्र से मांगा जवाब, जानें पूरा मामला
Supreme Court: 2 जजों की बेंच के सदस्य जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने इस बात पर सवाल उठाया था कि हाई कोर्ट ने मामले में क्यों दखल दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अब इस पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
Bangladeshi infiltration In Jharkhand: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ की जांच से जुड़े हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी.
दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि बांग्लादेश से अवैध तरीके से घुसे लोगों को संथाल परगना क्षेत्र में संगठित तरीके से बसाया जा रहा है.आदिवासियों की ज़मीन पर भी कब्ज़ा हो रहा है. हाई कोर्ट ने मामले की सच्चाई जानने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने की बात कही थी. जिसका राज्य सरकार ने विरोध किया है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों के नाम सुझाने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल राज्य सरकार ऐसा न करे. सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार और हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले लोगों का पक्ष सुन कर इस पर फैसला लेगा.
'राजनीतिक कारणों से दिखाया जा रहा है ऐसा'
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल हेमंत सोरेन सरकार के लिए पेश हुए. उन्होंने कहा कि झारखंड कोई सीमावर्ती राज्य नहीं है, लेकिन राजनीतिक कारणों से ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे वहां बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो चुकी है. 2 जजों की बेंच के अध्यक्ष जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि संथाल परगना में आदिवासी आबादी में गिरावट एक सच्चाई है.
बेंच के सदस्य जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा कि आदिवासियों का कम बच्चे पैदा करना भी इसका कारण हो सकता है. जजों ने इस बात पर सवाल उठाया था कि जो विषय राज्य सरकार को देखने का है. उसमें हाई कोर्ट ने क्यों दखल दिया. झारखंड हाई कोर्ट ने दानियाल दानिश नाम के याचिकाकर्ता की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए झारखंड में घुसपैठ के आरोपों को गंभीर माना था.