ED on Hemant Soren Illegal Land: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अवैध कब्जे और उपयोग में करीब 8.5 एकड़ कुल क्षेत्रफल के 12 भूखंड हैं और यह धन शोधन रोधी कानून के तहत अपराध से अर्जित आय है. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद हेमंत सोरेन को ईडी ने बुधवार (31 जनवरी) को रात गिरफ्तार कर लिया था.


ईडी ने दिन में उनसे सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता के खिलाफ ईडी ने जो आपराधिक मामला दर्ज किया है वह जून 2023 की ईसीआईआर (प्राथमिकी के समान) से उपजा है. इससे पहले, राज्य सरकार के कर्मचारियों और राजस्व विभाग के उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ राज्य में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए थे.


भानु प्रताप के परिसर ने ईडी को क्या मिला?


आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, ईडी ने भानु प्रताप के परिसरों से 11 बड़े बक्से बरामद किये, जिनमें जमीन के दस्तावेज रखे हुए थे. साथ ही, 17 मूल खाते भी बरामद किये थे. ईडी का दावा है कि उनके भूमि रिकॉर्ड और उनके सरकारी स्वामित्व विवरण के कई मूल खातों के संरक्षक थे.


एजेंसी ने आरोप लगाया है कि भानु प्रताप भ्रष्ट आचरण में लिप्त थे, जिनमें मूल रिकॉर्ड का फर्जीवाड़ा भी शामिल है और वह फर्जी तरीके से कई संपत्ति की खरीद से जुड़ी गतिविधियों में कई व्यक्तियों के साथ संलिप्त थे. ईडी ने झारखंड सरकार के साथ यह सूचना साझा की जिसने रांची के सदर पुलिस थाने में एक जून 2023 को प्रसाद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की.


हेमंत सोरेन की अवैध संपत्तियों को छिपाता था भानु प्रताप


केंद्रीय एजेंसी ने 26 जून 2023 को ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज करने के लिए इस प्राथमिकी का संज्ञान लिया. ईडी का दावा है कि भानु प्रताप, हेमंत सोरेन की अवैध संपत्तियों सहित कई संपत्तियों की खरीद और उन्हें छिपाने में अन्य लोगों के साथ साजिश रचने में सक्रिय रूप से शामिल थे. इसने कहा कि ये विवरण भी भानु प्रताप के मोबाइल फोन से हासिल किये गए.


साढ़े 60 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा


आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, हेमंत सोरेन को बुधवार रात 10 बजे राजभवन से ईडी ने गिरफ्तार किया. पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी तलाशी लिए जाने के दौरान एक धार्मिक लॉकेट और एक अंगूठी निकालने से इनकार दिया. ईडी ने उनकी गिरफ्तारी के आधार का विवरण देते हुए कहा कि इसने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कई व्यक्तियों के बयान दर्ज किये थे और इस कवायद से यह साबित हुआ कि 12 भूखंड एक दूसरे के सामने स्थित हैं.


ईडी की ओर से कहा गया कि इन भूखंडों का क्षेत्रफल 8.5 एकड़ है. ईडी ने कहा कि इस भूखंड को हेमंत सोरेन ने अवैध रूप से हासिल किये हैं और उनके अवैध इस्तेमाल में हैं. यह बात उन्होंने छिपाकर रखी थी. एजेंसी ने कहा कि इन भूखंडों की छानबीन किए जाने पर यह पता चला कि ये हेमंत सोरेन के अवैध कब्जे और इस्तेमाल में हैं.


हेमंत सोरेन के आवास पर क्या मिला? 


हेमंत सोरेन ने दलील दी है कि ये भूखंड छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम के तहत आते हैं और इन्हें हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि रांची में विशेष नियमन अधिकारी ने 29 जनवरी को इसके मूल मालिक को इसका कब्जा बहाल किया था.


उन्होंने यह भी कहा कि किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन से हासिल किए गए दस्तावेज को उन्हें फंसाने और गिरफ्तार करने के लिए बिल्कुल सत्य नहीं माना जा सकता. जेएमएम नेता ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राजभवन (गवर्नर हाउस) से रात 10 बजे हुई अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. ईडी ने कहा है कि उन्होंने दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवासीय परिसरों की तलाशी ली और उनके उपयोग वाले कमरे से 36 लाख 34 हजार 500 रुपये नकद बरामद किये.


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