नई दिल्ली: झारखंड विधानसभा चुनाव में 30 सीटें जीतने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के हेमंत सोरेन 28 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक गठबंधन की इस सरकार में उप-मुख्यमंत्री कांग्रेस का हो सकता है. जेएमएम-कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन ने प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया है. इन तीनों पार्टियों ने मिलकर 47 सीटों पर कब्ज़ा जमाया है.


कल सुबह 11 बजे जेएमएम विधायक दल की बैठक होनी है, जिसमें औपचारिक तौर पर हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुना जाएगा. हेमंत सोरेन की अगुवाई में जेएमएम ने 30 सीटें जीती हैं और राज्य में सबसे बड़ी पार्टी भी बनकर उभरी है. इसके अलावा कांग्रेस ने 16 और आरजेडी ने एक सीट पर फतह का पताका लहराया है.


जीत के बाद हेमंत सोरेन ने क्या कहा?
झारखंड की सत्ता से बीजेपी को बाहर करने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा, "मेरे लिए आज का दिन संकल्प लेने का है. इस राज्य की जनता का, यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का दिन है और आज का ये जनादेश शिबू सोरेन जी के समर्पण और परिश्रम का परिणाम है. जिस उद्देश्य के लिए ये राज्य लिया गया था, आज उन उद्देश्यों को पूरा करने का वक्त आ गया है."


हर चुनाव में जेएमएम की बढ़ीं सीटें
2005 में हुए चुनावों में जेएमएम को 17 सीटें मिलीं, फिर 2009 में 18 सीटें. 2014 में 19 सीटें और इस बार यानी 2019 में सीधे 30 सीटें जीत ली हैं. हेमंत सोरेन इस जीत का मतलब समझते हैं. इसीलिए वो अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस से ही सभी को साथ लेने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "भरोसा दिलाता हूं कि उनकी उम्मीदें नहीं टूटेंगी, चाहें वो किसी भी वर्ग या समुदाय से हों. नौजवान, किसान, व्यापारी, मजदूर, बूढ़े बच्चे हों या पत्रकार मित्र क्यों ना हों?"


आपको बता दें कि सत्तारूढ़ बीजेपी को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा है. पीएम मोदी और अमित शाह की ताबड़तोड़ रैलियों के बावजूद पार्टी चुनाव में बुरी तरह हार गई है. बीजेपी को इस बार 25 सीटें मिली हैं और वो राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई है.


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