नई दिल्ली: झारखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज दोपहर 2.10 बजे मोरहाबादी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. सूत्रों के मुताबिक जेएमएम से हेमंत सोरेन के अलावा कांग्रेस से विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव भी मंत्री पद की शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा लगेगा.


कौन कौन नेता शपथ ग्रहण में होंगे शामिल
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे शामिल होंगे.


इसके साथ ही शरद यादव, डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन, कनिमोझी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, सीपीआई नेता कन्हैया कुमार, जीतन राम मांझी, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह समेत कई नेता मौजूद रहेंगे. यही नहीं मायावती, एचडी कुमारस्वामी, आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के भी शामिल होने की उम्मीद है.


व्यस्तता के चलते शामिल नहीं होंगे पीएम- जेएमएम
झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रवक्ता और महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रित किया था लेकिन वह व्यस्तता के चलते कार्यक्रम में नहीं आ पा रहे हैं. उन्होंने हेमंत को शुभकामनाएं दी हैं और कहा है कि समय मिलते ही वह झारखंड आएंगे. हेमंत सोरेन ने राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी फोन कर शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने का न्यौता दिया जिसे दास ने स्वीकार कर लिया और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की पुष्टि की है.


सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी जेएमएम
झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले विपक्षी जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. इस गठबंधन को चुनाव बाद बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम का भी साथ मिला. जेवीएम ने तीन सीट पर जीत दर्ज की है. वहीं बीजेपी मात्र 25 सीट जीतने में कामयाब रही.


हेमंत सोरेन ने 23 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद गठबंधन सहयोगियों के साथ 24 दिसंबर को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था जिसके बाद राज्यपाल ने 25 दिसंबर को उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री मनोनीत कर 29 दिसंबर को शपथग्रहण के लिए आमंत्रित किया था.