पायलट के समर्थक विधायक हेमाराम चौधरी का दावा- गहलोत गुट के 10 से 15 विधायक हमारे संपर्क में हैं
हेमाराम चौधरी ने कहा है कि 10 से 15 अशोक गहलोत के गुट के विधायक हमारे संपर्क में हैं. वह हमारे साथ आ जाएंगे जैसे ही उन्हें फ्री छोड़ा जाएगा.
जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के अंदर जारी सियासी घमासान में जहां एक ओर अशोक गहलोत विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाने की बात कह रहे हैं तो वहीं अब सचिन पायलट गुट के विधायक ने बड़ा दावा किया है. पायलट के समर्थक एमएलए हेमाराम चौधरी ने कहा है कि गहलोत गुट के 10 से 15 विधायक उन लोगों के संपर्क में हैं
हेमाराम चौधरी ने कहा,'' अशोक गहलोत के गुट के 10 से 15 विधायक हमारे संपर्क में हैं. वह कह रहे हैं कि वह हमारे साथ आ जाएंगे जैसे ही उन्हें फ्री छोड़ा जाएगा. जैसे ही गहलोत उन लोगों पर से प्रतिबंध हटाएंगे. जल्द साफ हो जाएगा कि कितने एमएलए उनके साथ रहेंगे.''
10-15 MLAs of Ashok Gehlot camp are in contact with us & are saying they will come to our side as soon as they are set free. If Gehlot removes restrictions, it'll become clear how many MLAs remain on their side: Hemaram Choudhary, MLA, Sachin Pilot camp#RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/2ikP7h1Rut
— ANI (@ANI) July 27, 2020
बता दें कि इससे पहले राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के बीच खिंची तलवारों के बीच गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है. मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री की फोन पर बात कल यानी रविवार को हुई.
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री गहलोत ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी से बात कर, उन्हें राजस्थान के मौजूदा राजनीतिक हालात पर जानकारी दी और बताया कि बीजेपी उनकी सरकार गिराने कि कोशिश कर रही. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री को राज्यपाल की ओर से विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने की भी जानकारी दी और उनसे इस पूरे मामले में दखल देने की मांग की.
इसी साल एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में सीएम अशोक गहलोत ने बताया था कि कैसे उन्होंने सालों पहले राज्य कि भैरौ सिंह शेखावत की सरकार को विपक्ष द्वारा गिराने कि कोशिश का खुद विरोध किया था, जबकि शेखावत उस समय विदेश दौरे पर थे.
इस बीच कांग्रेस विधायक दल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को भी ज्ञापन भेजकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग पर हस्तक्षेप करने की मांग की है. इस ज्ञापन में एक बार फिर से बीजेपी पर गहलोत सरकार को गिराने की साज़िश करने का आरोप लगाया गया है.