International Drugs Syndicate News: एंटी ड्रग्स एजेंसी (NCB) ने दो दिन पहले एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया है. एनसीबी के डीडीजी संजय सिंह ने एबीपी न्यूज़ के साथ हुई खास बातचीत में बताया, इस रैकेट का चीफ दुबई से बैठकर ड्रग ट्रैफिकिंग के नेटवर्क को चला रहा है जो कि भारतीय है. इस रैकेट के साथ कुछ अफगानी लोग शामिल हैं और कुछ पाकिस्तान के लोग भी हैं. इस केस में अभी तक कुल 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. ये गिरोह ड्रग्स को समुद्री रास्तों के नेटवर्क के माध्यम से सप्लाई कर रहा है. भारत में ये रैकेट सड़कों के रास्ते से भी सक्रिय है, इसके अलावा ये गिरोह भारत में ड्रग्स की मैन्युफैक्चरिंग भी कर रहा है. भारत में अलग-अलग शहरों में सड़कों के रास्ते इस गिरोह के मैन्युफैक्चर्ड ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है. भारत के उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा से अभी तक 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है इनमें से 2 भारतीय हैं और दो अफगानी हैं.
संजय सिंह ने आगे बताया, एनसीबी का पहला ऑपरेशन हमने एटीएस गुजरात के साथ मिलकर किया था. जब हमारी टीम इस केस की जांच कर रही थी तब उस दौरान हमें खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि दिल्ली के शाहीन बाग में कुछ जगहों पर बड़े पैमाने पर हेरोइन रखी हुई है. हमने उसी इनपुट के आधार पर एक टीम वहां पर भेजी, इस टीम ने सर्च ऑपरेशन के दौरान 50 किलो हेरोइन 47 किलो सस्पेक्टेड नारकोटिक्स और 30 लाख रूपए बरामद किए हैं.
नार्को टेरर एंगल पर भी की जा रही जांच
संजय सिंह ने बताया कि अभी हमारी जांच प्रारंभिक दौर पर ही है हम हर एंगल से इस मामले की जंच करेंग क्योंकि यह एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह है. अभी तक की जांच में इसमें हमें कहीं भी आतंकी कनेश्कन सामने नहीं आया है. अभी जांच आगे बढ़ेगी तो कई तरह के खुलासे होने की संभावनाएं हैं. अफगान का कनेक्शन तो है रानी बाग से इनका क्या लिंक है अभी तक हमारी बातचीत में कुछ इस तरह की बातें क्लियर नहीं हुईं हैं.
'D- कंपनी' से जुड़े हो सकते हैं तार
एबीपी न्यूज से खास बातचीत में एनसीबी के डीडीजी संजय सिंह ने बताया कि अभी हमारी जांच की शुरुआती दौर शुरू हुआ है. हम पूरे मामले की हर एंगल से जांच कर रहे हैं. अभी तक इसमें हमे डी-कंपनी से कोई कनेक्शन नहीं मिला है लेकिन अगर ऐसा कुछ भी आता है तो हम आपको उसकी जानकारी भी शेयर करेंगे.
रूट क्या होता है
संजय सिंह ने बताया, इस गिरोह की तस्करी समंदर के रास्तों से लेकर जमीन के रास्तों में भी हो रही है. इसके अलावा लीगल चैनल से भी इसकी तस्करी जारी है. लीगल चैनल से इस तरह से कुछ जो लीगल रूट हैं जैसे मुलेठी है मुलेठी इंपोर्ट होती है और अफगानिस्तान से आती है मुलेठी के साथ मुलेठी स्टिक में हेरोइन रख देते हैं. इसके बाद सी रूट से स्मगल हो कर ये खेप समंदर के रास्ते में कंटेनर से भी आ रही है. लीगल चैनल में इसके साथ-साथ यह जो रैकेट है इसमें खुद भी मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है. इंडिया के अंदर मैन्युफैक्चरिंग के लिए जो लोग यहां पर यूज किए जा रहे थे वह दो अफगान थे उनको हमने गिरफ्तार कर लिया है.इस पूरे नेटवर्क का जितने भी लोग इंवॉल्वमेंट हमारी कोशिश होगी कि सब को गिरफ्तार करें हमारी कई जगह पर सर्च हो रही हैं गिरफ्तारियां और भी होंगी.
पूरे मामले में हो सकता है अंडरवर्ल्ड का हाथ
NCB को इस बात का शक है कि बरामद ड्रग्स और कैश का संबंध नार्को आतंकवाद से हो सकता है. क्योंकि इस मामले में दुबई, अफगानिस्तान और पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आ रहा है. दुबई से इस सिंडिकेट के ऑपरेट होने की वजह से जांच एजेंसी को शक है कि इस मामले में अंडरवर्ड का हाथ हो सकता है. दअरसल, NCB ने हाल ही में गुजरात ATS के साथ मिलकर एक ऑपरेशन किया था जिसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया था. ये दोनों मुजफ्फरनगर के रहने वाले थे. इनके पास से NCB ने 35 किलों हेरोइन बरामद की थी.
जामिया नगर से बरामद हुई थी ड्रग्स की बड़ी खेप
एनसीबी को इसी ड्रग्स मामले की जांच करते समय खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली कि जामिया नगर के फ्लैट में ड्रग्स की बड़ी खेप है. जिसके बाद NCB ने फ्लैट पर छापेमारी कर 50 किलो हेरोइन, 47 किलो नशीले पदार्थ और 30 लाख कैश बरामद किया. इस पूरे रैकेट के तार सीमा पार पाकिस्तान से लेकर गुजरात, अफगानिस्तान तक जुड़े हुए हैं। इसी मामले की जांच में NCB ने दो अफगानी मूल नागरिकों को गिरफ्तार किया है इनसे पूछताछ जारी है. सूत्रों की माने तो इनके लिंक तालिबान से जुड़े है.
यह भी पढ़ें-