Heron Mark-2: सीमा पर तैनात किया गया खतरनाक ड्रोन, पाक-चीन पर रखेगा नजर, जानें इसकी खासियत
Indian Air Force: हेरोन मार्क 2 ड्रोन में थर्मोग्राफिक कैमरा, एयरबॉर्न सर्विलांस विजिबल लाइट, रडार सिस्टम लगा है. इनके जरिेए यह अपने बेस से उड़कर मिशन पूरा करके खुद ही वापस लौट आता है.
Heron Mark-2 Drone: वायु सेना (Indian Air Force) में हेरोन मार्क 2 ड्रोन (Heron Mark-2 Drone) शामिल होने से दुश्मन से निपटने की भारत की क्षमता कई गुना बढ़ गई है. एक ही उड़ान से पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी मुल्कों से लगी सीमाओं पर भारत नजर रख सकेगा. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, 4 हेरोन मार्क 2 ड्रोन वायु सेना में शामिल किए गए हैं, जो लंबी दूरी की मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों से लैस है.
हेरोन ड्रोन मार्क-2 सैटेलाइट से नियंत्रित होने वाला ड्रोन है, जो 250 किलोग्राम भार के हथियार लेकर उड़ सकता है. यह बहुत लंबी दूरी पर लगभग 36 घंटों तक काम कर सकता है. ड्रोन स्कवाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर विंग कमांडर पंकज राणा ने बताया कि हेरोन मार्क-2 से देश की एक ही जगह से निगरानी की जा सकती है. अपने लक्ष्य और मिशन को पूरा करने के लिए ड्रोन किसी भी मौसम और इलाके में काम कर सकता है.
36 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है ड्रोन
इसमें थर्मोग्राफिक कैमरा, एयरबॉर्न सर्विलांस विजिबल लाइट, रडार सिस्टम लगा है. इनके जरिेए यह अपने बेस से उड़कर मिशन पूरा करके खुद ही वापस लौट आता है. ड्रोन में हवा से जमीन, हवा से हवा और हवा से एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें भी लगाई जाएंगी. यह ड्रोन 36 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है.
एंटी-जैमिंग तकनीक से किया गया निर्माण
हेरोन मार्क-2 ड्रोन्स में एंटी जैमिंग तकनीक लगी है, जिसकी वजह से इसे किसी भी तरह से जैम नहीं किया जा सकता. इसके अलावा, कई तरह के सेंसर्स और कैमरे लगे हैं, जो अंधेरे में भी देखने में मदद करते हैं. इसके साथ ही ड्रोन में इंटेलिजेंस सिस्टम समेत रडार सिस्टम भी लगाए गए हैं.