चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने जाट नेताओं द्वारा दिल्ली की घेराबंदी करने और संसद के बाहर आंदोलन करने की घोषणा के बाद सोमवार को दिल्ली से सटे जिलों में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 20 मार्च को 'दिल्ली कूच' का आह्वान किया है.


पुलिस महानिदेशक के.पी. सिंह ने रविवार को कहा, "20 मार्च को दिल्ली से सटे जिलों में राजमार्गो और सड़कों पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. हरियाणा पुलिस हाई अलर्ट पर है और लोग राजमार्गो पर बेफिक्र आवागमन कर सकते हैं. हमने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं."


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जाट नेता यशपाल मलिक और अन्य अपनी मांगों को लेकर गतिरोध दूर करने के लिए दिल्ली में हरियाणा के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं.


वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जाट नेताओं से बातचीत के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर आदित्यनाथ योगी के शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया है, ताकि वह जाट नेताओं के साथ बातचीत के लिए उपलब्ध रह सकें.


हरियाणा के 15 जिलों में रविवार को एहतियात के तौर पर धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई और शराब बेचने, हथियार लाने ले जाने, रेल की पटरियों के पास पांच या अधिक लोगों के एकत्रित होने और राजकीय तथा राष्ट्रीय राजमार्गो पर पांच या अधिक लोगों को ले जा रहे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.


एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, "ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में 10 लीटर से अधिक ईंधन भरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और पेट्रोल पंप मालिकों को वाहनों के चालकों के नाम, वाहन की पंजीकरण संख्या और वाहन में यात्रा कर रहे लोगों की संख्या का विवरण दर्ज करने को कहा गया है. पेट्रोल, डीजल और अन्य ज्वलनशील पदार्थो की खुली बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है."


प्रशासन ने इन 15 जिलों में 21 मार्च की सुबह नौ बजे तक सभी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं और गलत सूचनाएं और अफवाहें फैलाने से रोकने के लिए बल्क मैसेज पर भी रोक लगा दी है.


जाट समुदाय ने हरियाणा सरकार पर उनके आंदोलन को कमजोर करने की साजिश का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा था कि वे राज्यभर में अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखेंगे और 20 मार्च को दिल्ली की घेराबंदी करेंगे.