मिथुन चक्रवर्ती हिंसा भड़काने के मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंस से पूछताछ में शामिल हों- हाई कोर्ट
अभिनेता और बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कोलकाता पुलिस की तरफ से दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अभिनेता और बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती को निर्देश दिया कि वह राज्य को अपना ई-मेल पता दें. ताकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिये प्रचार के दौरान अपने भाषणों के जरिये चुनाव के बाद कथित तौर पर हिंसा भड़काने को लेकर दर्ज कराई गई शिकायत के सिलसिले में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये वह पूछताछ में शामिल हो सकें.
अभिनेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह चक्रवर्ती को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उपस्थित होने के लिए तर्कसंगत समय दे. चक्रवर्ती ने कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.
अदालत ने याचिकाकार्ता और अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर शुक्रवार को मामले की अगली सुनवाई 18 जून तक के लिए स्थगित कर दी.
न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने इस बीच निर्देश दिया कि चक्रवर्ती या उनके वकील अपना ई-मेल पता राज्य को बताएंगे ताकि वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये जांच अधिकारी को जवाब देने के लिए उपस्थित हो सकें.
चक्रवर्ती ने प्राथमिकी रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा कि उन्होंने केवल अपनी फिल्मों के संवाद बोले थे. गौरतलब है कि उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर चुनाव के बाद हिंसा भड़काने का मामला दर्ज किया गया है.
माणिकतला पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है कि सात मार्च को भाजपा में शामिल होने के बाद आयोजित रैली में चक्रवर्ती ने ‘‘ मारबो एकहने लाश पोरबे शोशाने’ (तुम्हे मारूंगा तो लाश श्मशान में गिरेगी) और ‘ एक छोबोले चाबी’ (सांप के एक दंश से तुम तस्वीर में कैद हो जाओगे) संवाद बोले, जिसकी वजह से राज्य में चुनाव के बाद हिंसा हुई.
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