हाई कोर्ट: रेलवे से कहा यात्रियों को दूषित जल देना बंद करे
दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय रेलवे से कहा कि वह यात्रियों को दूषित जल देना बंद करे
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय रेलवे से कहा कि वह यात्रियों को दूषित जल देना बंद करे और बेहतर सेवाएं नहीं दिये जाने के मद्देनजर किराया बढ़ाने के उसके फैसले पर सवाल उठाया.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा, "हजारों लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं और आप उन्हें दूषित पानी दे रहे हैं. यात्रियों को दूषित जल देना बंद करें. किराया बढ़ाने के लिये आप क्या बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं." अदालत ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के समक्ष मामले को रखने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा कि वह यात्रियों को उपलब्ध कराये जाने वाले पानी की गुणवत्ता पर रिपोर्ट देंगे.रिपोर्ट रेल मंत्रालय के समक्ष रखी जाए.
कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई की तारीख अगले साल 19 फरवरी को निर्धारित की जाए. आगे पीठ ने कहा कि इस मुद्दे का महत्व है और काफी ध्यान देने की आवश्यकता है और वह चाहती है कि रेलवे इसका परीक्षण करे और अदालत की दखल के बिना खुद से फैसला करे.
कोर्ट सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. एनजीओ ने गुणवत्तापूर्ण पेयजल की आपूर्ति में लापरवाही और पिछले कुछ वर्षों में क्लोरीनीकरण संयत्र स्थापित करने का ठेका देने में अनियमितता को स्वतंत्र और अगर हो सके तो अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है.