गुरु तेगबहादुर का 400वां प्रकाश पर्व मनाने लिए उच्च स्तरीय समिति की बैठक, पीएम मोदी ने कही ये बात
गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम की रूपरेखा कमेटी के सामने रखी और फिर सभी सदस्यों ने अपने अपने सुझाव दिए. कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुरु तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व का ये अवसर एक आध्यात्मिक सौभाग्य है.
नई दिल्ली: गुरु तेग बहादुर जी का 400 प्रकाश पर्व मनाने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन हुआ. वर्चुअल आयोजित की गई इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राज्यसभा के डिप्टी स्पीकर हरिवंश, मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर समेत कई महत्वपूर्ण सदस्यों ने हिस्सा लिया.
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम की रूपरेखा कमेटी के सामने रखी और फिर सभी सदस्यों ने अपने अपने सुझाव दिए. कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व का ये अवसर एक आध्यात्मिक सौभाग्य भी है और एक राष्ट्रीय कर्तव्य भी है. इसमें हम अपना कुछ योगदान दे सकें, ये गुरुकृपा हम सब पर हुई है. मुझे खुशी है कि हम सब देश के सभी नागरिकों को साथ लेकर के अपने इन प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं.
पूरे साल की कार्ययोजना
उन्होंने कहा, 'अभी यहां गृह मंत्री ने नेशनल इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर कमेटी के विचारों को हमारे सामने प्रस्तुत किया है, जो भी सुझाव आए थे, उसको रखा गया था. प्रेजेंटेशन में भी पूरे साल की कार्ययोजना के संबंध में एक लचीली रूपरेखा थी, जिसमें काफी सुधार की भी संभावनाएं हैं, नए-नए विचारों की भी संभावनाएं हैं. आप सदस्यों की ओर से भी बहुत ही बहुमूल्य सुझाव मिले हैं, बहुत ही मौलिक सुझाव मिले हैं.'
उन्होंने कहा है, 'ये बात सही है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमें इस अवसर का लाभ लेते हुए हमारे देश का जो मूल चिंतन है, उसको लोगों तक पहुंचाने का ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है. वैसे इस समिति में आज यहां पर बहुत बड़ी मात्रा में सभी माननीय सदस्य हैं. सबको अपनी बात बताने का अवसर नहीं मिला है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि सभी माननीय सदस्य इन विचारों को लिखित रूप में भेजेंगे ताकि इसको और समृद्ध बनाया जा सके और अच्छी कार्ययोजना करके सालभर के लिए इस काम को आगे ले जाए.'
पीएम मोदी ने कहा, 'बीती चार शताब्दियों में भारत का कोई भी कालखंड, कोई भी दौर ऐसा नहीं रहा जिसकी कल्पना हम गुरु तेगबहादुर के प्रभाव के बिना कर सकते हों. नवम गुरु के तौर पर हम सभी उनसे प्रेरणा पाते हैं. आप सभी उनके जीवन के पड़ावों से परिचित हैं लेकिन देश की नई पीढ़ी को इनके बारे में जानना, उन्हें समझना भी उतना ही जरूरी है.'
उन्होंने कहा कि गुरु तेगबहादुर जी ने कहा है, 'सुखु दुखु दोनो सम करि जानै अउरु मानु अपमाना' यानी सुख-दुख, मान-अपमान इन सबमें एक जैसा रहते हुए हमें अपना जीवन जीना चाहिए. उन्होंने जीवन के उद्देश्य भी बताए हैं, उसका मार्ग भी दिखाया है. उन्होंने हमें राष्ट्र सेवा के साथ ही जीवसेवा का मार्ग दिखाया है. उन्होंने समानता, समरसता और त्याग का मंत्र हमें दिया है. इन्हीं मंत्रों को खुद जीना और जन-जन तक पहुंचाना ये हम सबका कर्तव्य है.
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