Jammu Kashmir Target Killing: घाटी में टारगेट किलिंग को लेकर बने चिंताजनक हालात पर गृह मंत्रालय (Home Ministry) में मीटिंग जारी है. वहीं सरकारी सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में टारगेट किलिंग के जरिए माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है. टारगेट किलिंग के चलते जो अल्पसंख्यक सरकारी कर्मजारी जम्मू ट्रांसफर चाह रहे हैं, फिलहाल उनके ट्रांसफर पर विचार नहीं हो रहा है. उनकी पोस्टिंग सुरक्षित जगहों पर की जा रही है. इनमें से ज्यादातर को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है. 


कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा टारगेट किलिंग से नाराज सरकारी कर्मचारियों के एक समूह ने लगातार दूसरे दिन भी उन्हें कश्मीर से अपने गृह जिलों में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रखा. प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर शिक्षक शामिल हैं. वे मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक स्कूल में अपनी सहयोगी रजनी बाला की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या करने के बाद जम्मू लौट आए हैं.


प्रदर्शनकारियों ने निकाला मार्च


'जम्मू आधारित रिजर्व श्रेणी कर्मचारी संघ' के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को प्रेस क्लब से आंबेडकर चौक तक मार्च निकाला. इसके बाद शुक्रवार को शहर के बीचों-बीच पनामा चौक पर धरना दिया. धरने में शामिल सुरिंदर कुमार ने कहा, हम टारगेट किलिंग के मद्देनजर मौजूदा खतरनाक परिस्थितियों में अपने कार्यों को फिर से शुरू करने के लिए कश्मीर नहीं लौटेंगे. हम वापस जाने के बजाय यहां मरना पसंद करेंगे.


घाटी लौटने को तैयार नहीं


प्रदर्शनकारियों ने सरकार से उनके विरोध पर ध्यान देने और कश्मीर से जम्मू क्षेत्र में उनका स्थानांतरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया. कुमार ने कहा कि वह पहले ही 15 साल से कश्मीर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और आतंकवादियों के हाथों मारे जाने के लिए घाटी में लौटने को तैयार नहीं हैं. वहीं, एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, कश्मीर में सुरक्षित क्षेत्र कहां हैं? हमें बाहर जाना होगा, बच्चों को स्थानीय स्कूलों में डालना होगा और अपने कर्तव्यों का पालना करना होगा. उन्होंने कहा कि वह पिछले एक दशक से कश्मीर में स्थानीय आबादी के साथ हंसी-खुशी रह रही थीं, लेकिन हाल के महीनों में हुई टारगेट किलिंग ने उनके दिलोदिमाग में डर पैदा कर दिया है.


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इस साल घाटी में 10 लाख पर्यटक आए


सूत्रों के मुताबिक इस साल 31 मई तक जम्मू कश्मीर में 10 लाख पर्यटक आ चुके हैं, जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है. इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए 8 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है. अब तक 2.5 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. साल 2011 और 2012 में करीब 6 लाख श्रद्धालु आए थे.


कश्मीर फिल्म फेस्टिवल का आयोजन


सूत्रों ने बताया है कि पहली बार 15 से 20 जून तक कश्मीर फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होने जा रहा है. साल 1990 के बाद कश्मीर में फिल्मों की स्क्रीनिंग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था, बीच में उसे शुरू करने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली.


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