Joshimath: जोशीमठ को बचाने के लिए किए जाएंगे ये काम, PMO में हुई हाई लेवल बैठक में इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ में जमीन धंसने के मामले को लेकर पीएम मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की. जिसमें उन्होंने केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
Joshimath Land Subsidence Meeting: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और कई स्थानों पर घरों में दरारें पड़ने की घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने रविवार (8 जनवरी) को उच्चस्तरीय बैठक की. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की जोशीमठ (Joshimath) मामले पर हुई बैठक के दौरान कई बिंदुओं पर चर्चा हुई. इसमें तय किया गया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सोमवार को जोशीमठ का दौरा करेंगे.
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने जोशीमठ की स्थिति की उच्च स्तरीय समीक्षा की है. बैठक में बताया गया कि भारत सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं. एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं. इसके साथ-साथ प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
जोशीमठ को बचाने के लिए किए जाएंगे ये काम
सचिव सीमा प्रबंधन और एनडीएमए के सदस्य कल उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे. उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जोशीमठ से पीएमओ को जानकारी दी है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीम को अध्ययन करने और सिफारिशें देने के लिए कहा गया है.
पीएम ने की थी मुख्यमंत्री से बात
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्यों के साथ ये समीक्षा बैठक की है. इस बैठक में जोशीमठ जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लिया. इससे पहले रविवार को दिन में पीएम मोदी (PM Modi) ने इस संकट को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की थी और उन्हें केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था.
ये भी पढ़ें-
Joshimath Sinking: एक साल में 10 करोड़ लोग पहुंचे उत्तराखंड, विशेषज्ञों ने कहा- जोशीमठ तो बस शुरुआत