नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच हुई सैन्य कमांडर स्तर बातचीत फिलहाल वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे गतिरोध को सुलझाने का कोई फार्मूला नहीं निकाल पाई. चुशुल-मोल्डो इलाके में छह घंटे तक हुई बातचीत के बाद भी न तो चीन अप्रैल पूर्व स्थिति में अपने सैनिकों को लौटाने पर राजी हुआ है और न ही अपने ऐतराज कम करने पर. हालांकि दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि मौजूदा प्रक्रियाओं के तहत मामले को सुलझाने के लिए कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर संवाद बनाए रखेंगे.


अब तक की उच्च स्तरीय वार्ता


महत्वपूर्ण है कि छह जून को लेकर हुई वार्ता दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को लेकर यह अब तक की उच्च स्तरीय बातचीत थी. उम्मीद की जा रही थी कि भारतीय सेना के 14 कोर कमांडर ले.जन हरिंदर सिंह और चीन के दक्षिणी शिंचियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक के कमांडर, मेजर जनरल लियु लिन के बीच बातचीत से समाधान का कोई रास्ता निकलेगा और चीन अपने सैनिकों को वापस लौटाने पर राजी होगा. सैन्य कमांडरों की बातचीत से पहले दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर संयुक्त सचिव स्तर अधिकारियों की भी वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई थी.


बातचीत जारी रखने पर बनी सहमति


चुशूल-मोल्डो इलाके में सैन्य कमांडरों के बीच हुई उच्च स्तरीय वार्ता पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत सौहार्द्रपूर्ण और सकारात्मक माहौल में हुई. साथ ही दोनों देश सैन्य तनाव की स्थिति को मौजूदा समाधान तंत्र के सहारे सुलझाने पर सहमत हैं. भारत और चीन ने इस बारे में कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रखने का भी बात कही है.


भारत-चीन के रिश्तों की 70वीं वर्षगांठ


वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक साथ कई जगहों पर सामने आई तनाव की स्थिति और लद्दाख में गलवान घाटी के अलावा पैंगोंग झील के करीब जारी तनाव को अब करीब एक महीना हो रहा है. सीमा तनाव की यह स्थिति तब है जब भारत और चीन अपने रिश्तों की 70वीं सालगिरह के मना रहे हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों पक्षों ने इस बात पर भी सहमति जताई है कि 70वीं वर्षगांठ के इस साल में मौजूदा तनाव घटाना आपसी रिश्तों की बेहतरी की लिए मददगार होगा.


गलवान घाटी में तंबू लगाकर बैठे दोनों देशों के सैनिक


दोनों देशों के बीच बीते एक माह के दौरान सिक्किम के नाकुला से लेकर पैंगोग झील और लद्दाख में गलवान घाटी में सैनिकों के बीच झड़प और आमने-सामने के तनाव की स्थिति बनी. गलवान घाटी में अब भी चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने की स्थिति में तंबू लगाए बैठे हैं. हालांकि सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिक अपनी हद में हैं और भारतीय सैनिक अपनी हद में. भारत की सड़क और सैन्य ढांचागत परियोजनाओं पर ऐतराज जता रहे चीन ने अपनी सैनिक मोर्चाबंदी की है. वहीं जवाबी कार्रवाई में भारतीय सैनिक भी उतनी ही संख्या में कुछ दूरी पर तंबू लगाकर तैनात हैं.


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