बेंगलुरू: देश में कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार 16 जनवरी से राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू करने जा रही है. इसके लिए राज्यों को कोविड-19 वैक्सीन की खेप पहुंचाना शुरू हो गया है. इस बीच वैक्सीन के नाम पर ठगों के गिरोह भी सक्रिय हो गए हैं. कई डॉक्टर्स का कहना है कि राज्यों को कोविड वैक्सीन की आपूर्ति शुरू करने से पहले ही हाई प्रोफ़ाइल लोगों को कई तरह की वैक्सीन उपलब्ध कराने का ऑफर दिया गया है. खास बात ये है कि पेमेंट के लिए बिटकॉइन का ऑफर दिया जा रहा है.


डॉक्टर्स ने कहा - वैक्सीन की प्रामाणिकता का नहीं लगाया जा सकता पता
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाम न छापने का अनुरोध करते हुए डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें वीआईपी पेशेंट के कॉल आ रहे हैं, जो यह जानना चाहते हैं कि कुछ डीलरों की ओर से ऑफर किए गए वैक्सीन क्या सही हैं और क्या उन्हें लिया जा सकता है. डॉक्टर्स  ने कहा कि वे कालाबाजारी वाले वैक्सीन के स्रोत, बनाने, कीमत, ब्रांड और प्रामाणिकता का पता नहीं लगा सकते हैं. वहीं, एक डॉक्टर ने कहा कि देश में दवा की इस तरह से बिक्री वैध नहीं है.


ठगों के जाल में नहीं फंसने की सलाह
बेंगलुरु के एक डॉक्टर ने कहा कि “गैर सरकारी एजेंसियों के माध्यम से कोविड वैक्सीन एक्सेस करना भारत में अनैतिक है. हम मरीजों से आग्रह कर रहे हैं कि वे ऐसे जाल में न फंसे क्योंकि इस तरह की दवा की सेफ्टी और प्रमाणिकता को कभी भी नहीं जाना जा सकता है. ”

निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स एसोसिएशन ने भी इस ट्रेंड की पुष्टि की है और लोगों को ब्लैक मार्केट से वैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी है. डॉक्टरों ने इसकी चिंता जताई है कि हो सकता है कि कोविड वैक्सीन के नाम पर बेचे जाने वाले प्रोडेक्ट के कॉन्टेंट का कोविड से कोई लेना-देना नहीं हो. ऐसे में लोगों को इससे सावधान रहने की सलाह दी है.


यह भी पढ़ें-


पुणे से कोरोना वैक्सीन की पहली खेप रवाना, 3 ट्रक सीरम इंस्टीट्यूट से एयरपोर्ट पहुंचे


Explainer: जानिए आम आदमी तक कैसे पहुंचेगी कोरोना वैक्सीन, पूरी प्रक्रिया को कैसे अंजाम दिया जाएगा?