दिल्ली: कल से गाड़ियों पर शुरू होगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट-कलर कोड स्टिकर लगाने की प्रकिया, पढ़ें पूरी जानकारी
अगर आपके पास दिल्ली रजिस्ट्रेशन की गाड़ी है और उस पर अगर एचएसआरपी यानी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर नहीं है तो जल्द लगवा लें.
नई दिल्ली: एक नवंबर यानी रविवार से दिल्ली में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टीकर गाड़ी पर लगाने के प्रक्रिया शुरू हो रही है. दिल्ली रजिस्टर्ड गाड़ियों में अब ये नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर लगवाना अनिवार्य है. नई गाड़ियों में ये चीजें शोरूम से लगकर मिलेंगी जबकि जिनकी गाड़ी पर नहीं ये दोनों या एक चीज नहीं लगी है उन्हें लगवाना होगा. इसके दिल्ली सरकार ने खास इंतजाम किए हैं.
एचएसआरपी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर लगाना है अनिवार्य अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो ये खबर आपके काम की है. आपके पास दिल्ली रजिस्ट्रेशन की गाड़ी है और उस पर अगर एचएसआरपी यानी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर नहीं है तो जल्द लगवा लीजिए. दिल्ली में हर गाड़ी पर इनका होना जरूरी है. दिल्ली में रजिस्टर्ड हर गाड़ी पर एचएसआरपी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर लगाना अनिवार्य है और इसको लगवाने के बाद ही गाड़ी सड़क पर चलेगी.
दिल्ली सरकार ने की खास व्यवस्था हालांकि जिन गाड़ियों पर ये नहीं है उन्हें लगाने के दिल्ली सरकार ने समय दिया है और इसको लेकर खास व्यवस्था भी की है. दिल्ली के 264 कार डीलर और 300 से ज्यादा वर्कशॉप पर ये नंबर प्लेट और स्टिकर लगवाने की सुविधा होगी. इसके लिए आपको बस वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करनी होगी और तय रकम देनी होगी.
दिल्ली में रजिस्टर हर गाड़ी पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर जरूरी है. क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर आइए आपको बताते है. दरअसल, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक खास तरह की नंबर प्लेट है.
- इस नंबर प्लेट पर गाड़ी का नंबर एंबोइज्ड यानी उभरा हुआ होता है. - वहीं नंबर प्लेट पर खास तरह की तकनीक से स्टांप कलर होता है जिसे मिटाया नहीं जा सकता है. - एक खास लेजर कोडेड नंबर होता है और होलोग्राम भी है. - लेजर कोड के जरिए उस गाड़ी की सरकारी जानकारी जुड़ी होती है, जैसे गाड़ी का इंजन और चेसिस नंबर, मालिक का नाम और पता और साथ ही गाड़ी की रजिस्ट्रेशन की जानकारी. - इस नंबर प्लेट को लगाने का खास तरीका है और लगने के बाद इसे निकालना मुश्किल है.
ये हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट तीन कलर में है. अगर प्राइवेट कार है तो सफेद रंग पर काले रंग में नंबर होगा. वहीं कमर्शियल गाड़ी के लिए पीले रंग की प्लेट पर काले अक्षरों में नंबर होगा. इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड के लिए ये हरे रंग का होगा.
इसके बाद जरूरी है कलर कोड स्टिकर. गाड़ी के लिए कलर कोड स्टिकर इसलिए खास है कि इससे ये पता चलेगा की आपकी गाड़ी कौन से फ्यूल से चलती है यानी पेट्रोल, डीजल या फिर इलेक्ट्रिक कार है. इतना ही नहीं इससे ये भी पता चलेगा की गाड़ी की रजिस्ट्रेशन कब हुई है और ये बीएस मॉडल है. वहीं, गाड़ी पर लगे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर मौजूद लेजर कोड भी इस पर मौजूद होगा. तीन तरह के कलर कोड स्टिकर है नीला, नारंगी और स्लेटी.
- नीला रंग मतलब पेट्रोल या सीएनजी. अगर नीले रंग के साथ हरे रंग की पट्टी है तो बीएस 6 है. हरे रंग की पट्टी नहीं है तो बीएस 4 या बीएस 3 है. - नारंगी का मतलब डीजल कार है. अगर नारंगी रंग के साथ हरे रंग की पट्टी है तो बीएस 6 है. हरे रंग की पट्टी नहीं है तो बीएस 4 या बीएस 3 है. - स्लेटी या ग्रे रंग मतलब इलेक्ट्रिक कार.
इस खास हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगाने का भी खास तरीका है. इसे गाड़ी में इस तरह से फिट किया जाता है की कोई निकालना चाहे तो भी नहीं निकाल सकता है. वहीं कोशिश करने पर वो बोनट के नीचे जिस हिस्से में लगा होता वो उसके साथ ही बाहर आ जाएगा. दोबारा लगवाने के लिए गाड़ी में वो हिस्सा दोबारा लगवाना होगा.
अगर आप अपनी गाड़ी के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर लगवाना चाहते हैं या फिर आपके पास पहले से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट है और सिर्फ स्टिकर चाहते है तो आपको www.bookmyhsrp.com वेबसाइट पर जाकर इसे बुक और पेमेंट करना होगा. वहीं, अपने तय समय अनुसार डीलर या वर्कशॉप पर जाकर इसे लगवाना होगा.
कैसे करें बुक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टिकर www.bookmyhsrp.com वेबसाइट पर जाएं.
- इसके बाद गाड़ी प्राइवेट है या कमर्शियल ये चुनें. - इसके बाद आपकी गाड़ी पेट्रोल डीजल सीएनजी या हाइब्रिड है ये बताना होगा. - क्योंकि यह दिल्ली और यूपी जो जगह लागू है इसलिए दोनों राज्यों में से आपको चुनाव करना होगा. - आपको अपनी मैन्युफैक्चर के बारे में जानकारी देनी होगी, किस ब्रांड की गाड़ी है. - उसके बाद आपको अपनी गाड़ी की जानकारियां देनी होगी जैसे आरसी नंबर, चेसिस नंबर, इंजन नंबर, गाड़ी किस दिन खरीदी गई है और गाड़ी पेट्रोल डीजल या सीएनजी है इसकी जानकारी भरनी होगी. -इसके बाद आपको अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी देनी होगी जिस पर आपको एक ओटीपी हासिल होगा और उसके बाद आपको पेमेंट करनी होगी. - इसके बाद आप अपनी सहूलियत अनुसार डीलर या वर्कशॉप दिए गए ऑप्शन में से चुनकर अपना समय बताएं. - आपके फोन पर इसे जुड़ी जानकारी एसएमएस की जाएगी की नंबर प्लेट और स्टिकर लगवाने कब आना है. - अब जो समय आपने तय किया है या आपको मिला है उस समय आपको जाकर अपनी आरसी की कॉपी और मेल पर आई रसीद दिखाकर एचएसआरपी नंबर प्लेट और स्टीकर लगवाना होगा.
नई गाड़ियों पर ये नंबर प्लेट और स्टिकर लगाकर कार डिलीवरी करेंग डीलर. ये सिर्फ उन्हीं गाड़ियों पर लगेंगी जो की वैद्य है यानी जिनका परमिट है. प्राइवेट, कमर्शियल, बस, ट्रक हर गाड़ी जो दिल्ली में रजिस्टर हुई है उन्हें ये लगाना जरूरी होगा. दिल्ली सरकार के मुताबिक करीब तीस लाख से ज्यादा गाड़ी हैं जिनपर ये नंबर प्लेट लगानी है.
ये नंबर प्लेट 2012 से लगाए जा रहे हैं. इसे सिर्फ ऑथोराइज्ड जगह ही लगवाया जा सकता है और लगने पर इसकी सारी जानकारी आरटीओ ऑफिस के अलावा केंद्र के वाहन सिस्टम पर भी अपलोड होती है. अगर किसी गाड़ी का किसी भी कारण अगर नंबर प्लेट टूट जाए तो दोबारा वहीं नंबर प्लेट लगवाना होगा.
फिलहाल गाड़ी पर ये दोनों न होने पर कोई जुर्माना नहीं है क्योंकि दिल्ली सरकार लोगों को इसे लगाने का मौका देना चाहती है. इसलिए दौबारा बड़े पैमाने पर इसके लिए इंतजाम किए गए है ताकि लोगों को दिक्कत न आए. हर गाड़ी और मॉडल के लिए अलग-अलग फीस है जिसकी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है. तो अगर आपके पास दिल्ली में रजिस्टर्ड कोई गाड़ी है और उस पर ये नंबर प्लेट और स्टिकर नहीं है तो जल्दी लगवा लीजिए.
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