रेलवे अफसरों ने बताया कि भदान से खुर्जा तक कॉरीडोर का ट्रैक चालू हो चुका है. इसके बाद मालगाड़ियों का अलग ट्रैक हो जाएगा. ट्रेनें चार से सवा चार घंटे में दिल्ली पहुंच जाएगी. अफसरों के अनुसार तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. सेंट्रल स्टेशन के वरिष्ठ स्टेशन अधीक्षक आरएनपी त्रिवेदी का कहना है कि 160 किमी की गति कानपुर से दिल्ली के बीच प्रस्तावित है, तब रिवर्स ट्रेनें भी चलाई जा सकती हैं.
उन्होंने बताया कि दिल्ली से कानपुर के बीच पूरा सेक्शन ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम वाला है. इसकी वजह से ट्रेनें एक दूसरे के पीछे तय दूरी से चलती रहती हैं. अब ट्रैक को फिट करने का काम चल रहा है. शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस को भी तीसरी लाइन से निकालने की शुरुआत कर दी गई.
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में कानपुर से दिल्ली तक सवा पांच से साढ़े सात घंटे तक ट्रेन से पहुंचने में लगते हैं. शताब्दी, राजधानी और दुरंतो को छोड़ दें तो इसके बाद समय बहुत लगता है. अगर यहां ट्रेने ना रुकें तब चार से पांच घंटे में पहुंचती है. कानपुर से दिल्ली के बीच सात से दस घंटे का समय लगता है. इस ट्रेन के चलने से आम लोगों को बहुत फायदा होगा.
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