जयपुर: फर्जी कॉलेज और विश्वविद्यालयों को लेकर अक्सर मामले उजागर होते रहते है लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार ने तो एक निजी विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर जो कारनामा किया उसने तो फर्जीवाड़े की ऐसी तमाम खबरों को पीछे छोड़ दिया. राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव, राजस्थान के सीकर जिले में एक निजी विश्वविद्यालय गुरुकुल यूनिवर्सिटी की स्थापना का विधेयक सदन में लेकर आए. इस विधेयक को सदन में रखे जाने के साथ ही बीजेपी के विधायक राजेंद्र राठौड़ और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने सरकार पर हमला बोल दिया.


राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस निजी विश्वविद्यालय की जमीन पर न तो कोई बिल्डिंग है और न ही कोई अन्य निर्माण. विपक्ष के सदस्यों के आरोपों के बाद स्पीकर डॉ सी पी जोशी ने खुद सीकर के डीएम को फोन किया और इस निजी विश्वविद्यालय की रिपोर्ट मांगी.


डीएम की रिपोर्ट में विपक्ष के आरोप पाए गए सही
सीकर डीएम की रिपोर्ट कुछ देर में स्पीकर डॉ जोशी को मिल गई और उसमें विपक्षी विधायकों के आरोपों को सही बताया गया. रिपोर्ट के अनुसार इस निजी विश्वविद्यालय की जमीन पर कोई निर्माण नहीं था. इसके बाद स्पीकर ने इस मामले को बेहद गंभीर मानकर उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव से इस विधेयक को वापस लेने को कहा. स्पीकर के निर्देश के बाद मंत्री यादव ने गुरुकुल यूनिवर्सिटी के विधेयक को वापस ले लिया.


सरकारी की हुई जमकर फजीहत
राज्य सरकार ने इस विधेयक को वापस तो ले लिया लेकिन सरकार के इस फैसले से उसकी जमकर फजीहत हो रही है. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रहा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस इसे अफसरों की गलती मानकर सारा दोष उनके माथे मढ़ रही है.


इस पूरे मामले में बेहद चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. इस गुरुकुल यूनिवर्सिटी के लिए सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के वीसी समेत चार लोगों की कमेटी ने जो रिपोर्ट मौके पर जाकर दी थी उसके मुताबिक कुल अस्सी एकड़ में कैंपस है इसके आलावा 28 ऑफिस कक्ष, 62 लेक्चर हॉल एवं 38 लैब तैयार है. वहीं सीकर के डीएम की तरफ से जो रिपोर्ट स्पीकर को भेजी गई थी वो इसी खाली जमीन की थी.


दरअसल फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए गई राज्य सरकार की कमेटी ने इस खाली जमीन की बजाय गुरुकुल यूनिवर्सिटी प्रबंधन की तरफ चल रहे शेखावाटी शिक्षण संस्थान के सीकर कैंपस को गुरुकुल यूनिवर्सिटी का कैंपस बताकर उसकी रिपोर्ट दे दी थी. हालांकि ये कैंपस भी सिर्फ दस एकड़ में संचालित है जबकि यूनिवर्सिटी के लिए कम से कम तीस एकड़ जमीन होनी जरुरी है.


इस पूरे मामले को लेकर बहरोड़ विधायक बलजीत यादव भी सरकार के खिलाफ हो गए और उन्होंने विधानसभा में गुरुकुल युनिवर्सिटी की गलत रिपोर्ट देने वाले कमेटी सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर लगातार दौड़ने की घोषणा कर दी. इसके बाद बलजीत यादव जयपुर के सेंट्रल पार्क में दौड़ने भी पहुंच गए.


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