नई दिल्ली: हाईवे के करीब शराब की बिक्री पर पाबंदी के बाद होटल और शराब कारोबारी बीच का रास्ता निकालने की मांग को लेकर आज पर्यटन मंत्री महेश शर्मा से मुलाकात करेंगे. एक अप्रैल से केन्द्र और राज्यों के हाईवे के पांच सौ मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध से शराब व्यापारियों के साथ साथ होटल, रेस्टोरेंट, बैन्क्वेट और मैरिज हाल के कारोबारियों में भी खलबली मच गई.


नीति आयोग के सीईओ के मुताबिक, हाईवे के आस पास शराब बंदी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से करीब दस लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश एक अप्रैल से लागू हो गया है. इस आदेश के मुताबिक, राष्ट्रीय और राज्य हाईवे के अगल-बगल पांच सौ मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है. यहां तक कि इस दायरे में पांच सितारा होटलों, रेस्टोरेंट और मैरिज हाल में भी शराब और बीयर नहीं परोसी जा सकती.


मुश्किल उन राज्यों को भी है जहां हाईवे शहरों के बीचोबीच से होकर जाता है. ऐसे में शहरों के भीतर शराब बंदी जैसी स्थिति लागू हो गई है. खास तौर से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाकों में इतनी ज़मीन ही नहीं है कि राज्य मार्गों से पांच सौ मीटर भीतर इन दुकानों को शिफ्ट किया जा सके. यही कारण है कि कुछ राज्यों ने हाईवे को डिनोटीफाइ करना शुरू कर दिया है ताकि भारी राजस्व के नुकसान से बचा जा सके.


होटल व्यवसायियों का सवाल है, ‘’सरकार ने हाईवे किनारे जो ज़मीन हमें अधिक दाम में दी उस पर हमने करोड़ों का इन्वेस्टमेंट कर दिया. अब हम इसे कहां ले जाए. ऐसे में विदेशी पर्यटन पर चलने वाले होटल भी ठप हो जाएंगे.’’