Karnataka Hijab Row: कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में भी फैसला नहीं हो पाया है. 10 दिनों की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट में फैसले का दिन आया, लेकिन दो जजों की बेंच की राय बंटी हुई थी. एक जज ने हिजाब के खिलाफ फैसला दिया तो दूसरे ने इसके पक्ष में अपनी बात रखी. जिसके बाद सीजेआई को इसे बड़ी बेंच को भेजने की सिफारिश की गई है. इस मामले पर अब दोनों तरफ से रिएक्शन आने शुरू हो चुके हैं. इस मामले पर दो जजों- जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच सुनवाई कर रही थी.
कर्नाटक के मंत्री ने किया स्वागत
कर्नाटक के मंत्री बीसी नागेश ने सुप्रीम कोर्ट में जजों को फैसले पर कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. हम एक बेहतर फैसले की उम्मीद कर रहे थे, जब पूरी दुनिया में महिलाएं हिजाब और बुर्का नहीं पहनने की मांग कर रही हैं. आगे की सुनवाई तक कर्नाटक हाईकोर्ट का ही फैसला लागू रहेगा. राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन जारी रहेगा. संस्थानों में हिजाब का समर्थन करने वाले लोगों को लेकर मंत्री ने कहा कि ये लोग हमेशा ही समाज को बांटना चाहते हैं. ये हिजाब को बांटने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
दोनों वकीलों ने क्या कहा?
याचिकाकर्ताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील एजाज मकबूल ने कहा कि, फिलहाल मामले में कोई फैसला नहीं आया है और चीफ जस्टिस के सामने इसे रखा गया है. जिसके बाद इसे संविधान पीठ या किसी और बेंच को सौंपा जाएगा. वहीं हिजाब के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे वकील वरुण सिन्हा ने कहा कि अभी हाई कोर्ट का फैसला लागू रहेगा क्योंकि एक जज ने याचिका को खारिज किया है और दूसरे ने उसे खारिज नहीं किया है. अब हाई कोर्ट का फैसला तब तक जारी रहेगा जब तक किसी बड़े बेंच का फैसला नहीं आ जाता है.
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