'हिजाब पर प्रतिबंध लगाना धर्म की स्वतंत्रता का उल्लंघन है?' जस्टिस हेमंत गुप्ता ने ऑर्डर में उठाए ये 7 सवाल
Hijab Case: सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने हिजाब मामले में अपना फैसला सुना दिया है. बेंच इस मामले को अब मुख्य न्यायाधीश के पास भेजेगी. हालांकि, बेंच के अध्यक्ष ने सुनवाई के दौरान 7 सवाल उठाए.
Supreme Court Hijab Case Verdict: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दो जजों ने गुरुवार (13 अक्टूबर) को इस बात पर असहमति जताई कि कक्षाओं में हिजाब पर कर्नाटक का प्रतिबंध बरकरार रहना चाहिए या नहीं. दो-न्यायाधीशों की खंडपीठ ने एक विभाजित फैसला सुनाते हुए सहमति व्यक्त की है. खंडपीठ के अध्यक्ष हेमंत गुप्ता (Justice Hemant Gupta) ने सिफारिश की है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice Of India) तीन-न्यायाधीशों की पीठ का गठन करें, ताकि यह तय किया जा सके कि प्रतिबंध रहेगा है या नहीं.
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध का समर्थन किया. वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया (Justice Sudhanshu Dhulia) ने कहा कि वह "सम्मानपूर्वक रूप से असहमत" हैं और प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में हैं, क्योंकि लड़कियों की शिक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, "यह पसंद का मामला है, इससे ज्यादा और कुछ नहीं." जज धूलिया से इतर, हेमंत गुप्ता ने अपने आदेश में यह 7 सवाल उठाए.
- क्या अपील को संविधान पीठ को भेजा जाना चाहिए?
- क्या कॉलेज छात्रों की यूनिफॉर्म पर फैसला कर सकते हैं?
- क्या हिजाब पहनना और इसे प्रतिबंधित करना धर्म की स्वतंत्रता का उल्लंघन है (अनुच्छेद 25)?
- क्या अनुच्छेद 25 और अनुच्छेद 19 (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) परस्पर अनन्य हैं?
- क्या कर्नाटक प्रतिबंध मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है?
- क्या हिजाब पहनना इस्लाम के तहत आवश्यक अभ्यास का हिस्सा है?
- क्या सरकारी आदेश शिक्षा तक पहुंच के उद्देश्य को पूरा करता है?
'मैं अपील खारिज करता हूं'
आखिर में न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कहा, "मेरे अनुसार इन सवालों के जवाब अपीलकर्ता के खिलाफ हैं. मैं अपील खारिज करता हूं." गौरतलब है कि मुस्लिम छात्रों ने कैंपस में हिजाब पर कर्नाटक सरकार के प्रतिबंध को चुनौती दी है. 5 फरवरी के प्रतिबंध के आदेश में "स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़े" का उल्लेख किया गया था और हिजाब की तुलना बिंदी पहनने वाले हिंदुओं और पगड़ी पहनने वाले सिखों से की गई थी.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने क्या कहा था?
15 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने प्रतिबंध हटाने से इनकार कर दिया और मुस्लिम छात्रों को कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने के अनुरोध को खारिज कर दिया. कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि इस्लाम का अभ्यास करने के लिए यह आवश्यक नहीं है.
हाई कोर्ट के इसी आदेश को छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उनके वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि मुस्लिम लड़कियों को कक्षा में हिजाब पहनने से रोकने से उनकी शिक्षा को खतरा होगा, क्योंकि उन्हें कक्षाएं छोड़ने के लिए मजबूर किया जाएगा. वहीं कर्नाटक सरकार ने प्रतिबंध का बचाव करते हुए कहा कि यह "धर्म तटस्थ" है.
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