SC Verdict On Hijab Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की एक बेंच ने गुरुवार (13 अक्टूबर) को हिजाब मामले (Hijab Case) में अपना फैसला सुना दिया है. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) के फैसले के खिलाफ दायर 26 अपीलों को खारिज कर दिया है. वहीं न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाई कोर्ट के हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को खारिज कर दिया है. कोर्ट में दोनों जजों की राय काफी अलग नजर आई. बेंच के अध्यक्ष हेमंत गुप्ता ने वह इस मामले को अब मुख्य न्यायाधीश के पास भेज रहे हैं और वे अब इसमें उचित बेंच का गठन करेंगे.
हिजाब विवाद पर SC में क्या-क्या हुआ?
- सबसे पहले बेंच के अध्यक्ष हेमंत गुप्ता ने फैसले को पढ़ना शुरू किया. उन्होंने शुरुआत में ही कह दिया कि दोनों जजों की राय मामले में अलग है.
- इसके बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता ने मामले से जुड़े कानून बिंदुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अनुच्छेद 25 की सीमा क्या है? व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निजता के अधिकार की व्याख्या किस तरह से की जाए?
- हेमंत गुप्ता ने कहा क्या छात्रों को अनुच्छेद 19, 21, 25 के तहत वस्त्र चुनने का अधिकार मिले? इसके बाद उन्होंने कहा, "मेरे विचार से इन सभी सवालों का जवाब याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध जाता है. मैं अपील खारिज कर रहा हूं."
- हेमंत गुप्ता के बाद जस्टिस सुधांशु धूलिया ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मेरी राय इसमें अलग है. मैं कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करता हूं. जस्टिस धूलिया ने कहा, "हाई कोर्ट को धार्मिक अनिवार्यता के सवाल पर नहीं जाना चाहिए था. इसे व्यक्तिगत पसंद के तौर पर देखना चाहिए था.
- जस्टिस धूलिया ने अपनी बात रखते हुए लड़कियों को शिक्षा मिलने में आने वाली परेशानियों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि लड़कियों की शिक्षा अहम है और वह बहुत दिक्कतों का सामना कर पढ़ने आती हैं. उन्होंने कहा कि हिजाब पर रोक के बाद से ड्रॉप आउट काफी बढ़ा है.
- दो जजों की बेंच के अध्यक्ष जस्टिस हेमंत गुप्ता ने जस्टिस धूलिया के बाद स्थिति को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि हमारे (दोनों जजों) अलग विचारों के चलते मामला चीफ जस्टिस के पास भेज रहे हैं, ताकि वह बड़ी बेंच का गठन करें.
- गुरुवार को सुनवाई के लिए याचिकाकर्ताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील एजाज मकबूल ने कहा कि फिलहाल मामले में कोई फैसला नहीं आया है और चीफ जस्टिस के सामने इसे रखा गया है. जिसके बाद इसे संविधान पीठ या किसी और बेंच को सौंपा जाएगा.
- हिजाब के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे वकील वरुण सिन्हा ने कहा कि अभी हाई कोर्ट का फैसला लागू रहेगा, क्योंकि एक जज ने याचिका को खारिज किया है और दूसरे ने उसे खारिज नहीं किया है. अब हाई कोर्ट का फैसला तब तक जारी रहेगा जब तक किसी बड़े बेंच का फैसला नहीं आ जाता है.
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं. कर्नाटक के मंत्री बीसी नागेश ने सुप्रीम कोर्ट में जजों को फैसले पर कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. हम एक बेहतर फैसले की उम्मीद कर रहे थे, जब पूरी दुनिया में महिलाएं हिजाब और बुर्का नहीं पहनने की मांग कर रही हैं. आगे की सुनवाई तक कर्नाटक हाईकोर्ट का ही फैसला लागू रहेगा."
- हिजाब का मामला अक्टूबर 2021 से शुरू हुआ, जब एक पीयू कॉलेज की कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनने की मांग की. इसके बाद मामला दब गया, लेकिन 31 दिसंबर 2021 को उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर आई 6 छात्राओं को क्लास में आने से रोक दिया गया. जिसके बाद कॉलेज के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया और मामला सुर्खियों में आया. इसी दिन मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था.