Hijab Controversy: अब दतिया में लगे हिजाब पहनी लड़कियों के सामने ‘जय श्री राम’ के नारे, गृहमंत्री ने दिये जांच के आदेश
Hijab Controversy : प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दतिया सांप्रदायिक सौहार्द की जीवंत मिसाल है और सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि राज्य में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
Hijab Row In Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के दतिया कस्बे में एक सरकारी कॉलेज में बुर्का और हिजाब पहने दो लड़कियों के सामने लोगों के एक समूह द्वारा ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए एक वीडियो सामने आने के बाद सरकार ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं. प्रदेश के गृहमंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने जांच का आदेश देते हुए मंगलवार को दोहराया कि मध्य प्रदेश में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
वायरल की गई वीडियो में दतिया के सरकारी स्नातकोत्तर कॉलेज के परिसर में बुर्का और हिजाब पहने दो लड़कियों को प्रवेश करते देख कुछ युवकों को ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है. यह घटना सोमवार 14 फरवरी की है. कॉलेज ने हाल में एक आदेश जारी किया था जिसमें छात्राओं को हिजाब सहित धार्मिक पोशाक पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
दतिया सांप्रदायिक सौहार्द की जीवंत मिसाल
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘‘दतिया सांप्रदायिक सौहार्द की जीवंत मिसाल है. मैंने दतिया पीजी कॉलेज का वीडियो देखा है. मैंने जिलाधिकारी को उसके प्राचार्य द्वारा जांच करने का आदेश जारी कर दिया है. प्रदेश सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि राज्य में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है और किसी को भी इस मुद्दे पर भ्रम पैदा नहीं करना चाहिए.’’
संविधान सम्मत नहीं है बुर्का
वहीं बजरंग दल के कार्यकर्ता अजय सिंह ने एक बयान में कहा कि भगवा कार्यकर्ताओं ने दतिया पीजी कॉलेज परिसर का औचक निरीक्षण किया और पाया कि कुछ छात्राएं बुर्का और हिजाब पहनकर वहां पहुंची, जो कि संविधान के अनुसार नहीं है. उन्होंने कहा,‘‘ अगर यह (बुर्का और हिजाब पहनना) जारी रहा तो हिंदू छात्र भगवा वर्दी में उक्त कॉलेज पहुंचेगे.’’ उन्होंने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन शुरु करने की धमकी दी.
कांग्रेस विधायक ने गृह मंत्री को किया धन्यवाद
इस बीच भोपाल (मध्य) से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने जांच के आदेश देने के लिए राज्य के गृह मंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि चूंकि राज्य सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि परिसर में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है, इसलिए शैक्षणिक संस्थानों को इस संबंध में कोई भ्रम नहीं रखना चाहिए. उन्होंने लोगों से इस मुद्दे पर गलत सूचना फैलाने से बचने का आग्रह किया.