Hijab Row: हिजाब पर विवाद और बहस के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया ये बड़ा बयान
Nitish Kumar on Hijab Controversy: उन्होंने कहा कि 'हम लोग तो काम करने में लगे हुए हैं. हर धर्म के लोगों के लिए काम करते हैं और सबकी इज्जत करते हैं.'
Nitish Kumar on Hijab Controversy: हिजाब विवाद कर्नाटक से शुरू होकर अब पूरे देश में फैल गया. अन्य राज्यों के राजनेता भी इस मामले पर अपनी राय दे रहे हैं तो वहीं सोशल मीडिया से लेकर प्रोटेस्ट तक आम जनता भी इस मुद्दे पर आपनी राय रख रहे हैं. इसी क्रम में अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी हिजाब विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने हिजाब पर मचे बवाल पर कहा कि ये सब बेकार की बात है, उस पर बोलने का कोई औचित्य नहीं है. इस मामले को लेकर लोग कोर्ट गए हैं. यहां के स्कूलों में सभी स्कूली बच्चे एक ही तरह के ड्रेस पहनते हैं.
उन्होंने कहा कि 'हम लोग तो काम करने में लगे हुए हैं. हर धर्म के लोगों के लिए काम करते हैं और सबकी इज्जत करते हैं. कुछ लोगों का अपना-अपना तरीका है, तो हम लोग उसमें इंटरफेयर नहीं करते हैं. नीतीश आगे कहते हैं कि हर किसी का अपना तरीका है मूर्ति लगाना या अपने-अपने ढंग से पूजा करना, सबकी अपनी-अपनी मान्यता है. हम लोगों के हिसाब से इस पर बहस करने की कोई जरूरत नहीं है. '
In Bihar schools, children wear the same type of dress... We respect each other's religious sentiments. We do not interfere in their way of practicing religion or culture. That's why we should not pay attention to such things: Bihar CM Nitish Kumar on hijab row (14.02) pic.twitter.com/hDrcXMDm4H
— ANI (@ANI) February 14, 2022
क्या है मामला
हिजाब विवाद की शुरुआत पिछले महीने उडुपी गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ छात्राओं के हिजाब पहनकर कॉलेज परिसर में जाने पर हुई थी, जिन्हें कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी गई. कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि जो छात्रा पहले बिना हिजाब के आती थीं, वे अब अचानक से हिजाब में आने लगी हैं. बाद में छात्राओं ने बिना हिजाब के कक्षाओं में जाने से इनकार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. यह मुद्दा एक विवाद बन गया और कर्नाटक के अन्य जिलों के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी इस मुद्दे को उठाया जा रहा है. इसकी वजह से तनाव बना हुआ है और यहां तक कि हिंसा भी हो चुकी है.
हिजाब विवाद मामले की कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए गुरुवार को आदेश दिया था कि अंतिम आदेश तक छात्रों के लिए किसी भी धार्मिक प्रतीक की अनुमति नहीं है.
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