Hijab Row: CBSE अपने स्कूलों में यूनिफॉर्म को लेकर नहीं देता कोई विशिष्ट निर्देश, जानें क्या है नियम
CBSE Uniform Rules: केंद्रीय बोर्ड के अनुसार स्कूलों में यूनिफॉर्म को लेकर कोई विशिष्ट निर्देश नहीं दिया जाता है. स्कूल अपने अनुसार यह तय कर लेते हैं.
Uniform Row: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के अनुसार स्कूलों में यूनिफॉर्म को लेकर कोई विशिष्ट निर्देश नही दिया जाता है और ना ही सीबीएसई यूनिफॉर्म को लेकर हस्तक्षेप करता है. बशर्ते छात्रों के बीच समानता बनी रहे. सीबीएसई स्कूलों को यूनिफॉर्म चुनने की स्वतंत्रता देता है. मसलन कुछ स्कूलों में छात्राओं के लिए सलवार कमीज़ होती है, तो कुछ में स्कर्ट आदि होती है. अलग-अलग स्कूलों में आप अलग यूनिफॉर्म देख सकते हैं.
सीबीएसई यह नहीं बताएगा कि आप क्या पहनेंगे या क्या नहीं पहनेंगे. उदाहरण के लिए आज दिल्ली के कई स्कूलों में कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए यूनिफॉर्म नहीं है. यूनिफॉर्म का अर्थ छात्र-छात्राओं के बीच समानता, समकक्षता पैदा करना है, जिससे धर्म, जाति इत्यादि बच्चों को प्रभावित ना करें. हालांकि माइनॉरिटी स्टेटस के स्कूलों की यूनिफॉर्म में धर्म विशेष स्बंधित यूनिफॉर्म हो सकती है. उदाहरण के लिए सिख माइनॉरिटी स्कूल में छात्र पगड़ी पहन सकते हैं, वहीं क्रिश्चियन माइनॉरिटी स्कूल में धर्मानुसार यूनिफॉर्म स्कूल रख सकता है. यह निर्णय स्कूल लेने के लिए स्वतंत्र होता है. उदाहरण के तौर पर 2021-22 टर्म के रेगुलर और निजी छात्रों के एडमिट कार्ड में कहीं पर भी ड्रेस कोड को लेकर सीबीएसई द्वारा निर्देश नहीं दिए गए हैं.
इन दिनों कर्नाटक में स्कूलों में हिजाब पहनने को लेकर विवाद चल रहा है. विवाद इतना बढ़ गया है कि राज्य सरकार ने स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है. इसके अलावा यह मामला कोर्ट में भी पहुंच गया है. इन दिनों स्कूलों में यूनिफॉर्म को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी खूब हो रही है. कुछ लोग स्कूलों में धर्म के आधार पर ड्रेस का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
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