Mumbai Hijab Row: मुंबई के चेंबूर और डीके मराठा कॉलेज में शुरु हुआ हिजाब विवाद कॉलेज प्रशासन और छात्रों के 'बीच के रास्ते' के बाद थम गया है. कॉलेज प्रशासन ने हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश नहीं देने का फैसला यह कहकर वापस ले लिया है कि छात्राएं बुर्का पहनकर कॉलेज आएं लेकिन उसे वॉशरुम में बदल लें.
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि 8 अगस्त से वह अपने संस्थान में यूनिफॉर्म पॉलिसी पूरी कड़ाई के साथ लागू कर देगा. कॉलेज प्रशासन ने कहा कि कोई भी छात्र-छात्रा कैंपस में बिना ड्रेस के प्रवेश नहीं कर सकेगा.
तो फिर पहले क्यों हो गया था विवाद?
कॉलेज प्रशासन ने एक नॉटिफिकेशन जारी किया था. इस नॉटिफिकेशन में उन्होंने कहा था कि सभी छात्रों को कैंपस में निर्धारित यूनिफार्म पहन कर ही आना होगा. जिस पर मुस्लिम समुदाय की छात्राओं ने अपनी मजबूरियां गिनाईं.
इन छात्राओं ने कहा कि हम यूनिफॉर्म पहनने के विरोध में नहीं हैं. उन्होंने कहा, कॉलेज प्रशासन को हमारी स्थिति समझते हुए हमें बुर्का कॉलेज तक पहन कर आने देना चाहिए, जिसको हम कॉलेज आने के बाद वॉशरूम में बदल लेंगे. छात्राओं की इस बात को पहले कॉलेज ने मानने से इंकार कर दिया था लेकिन विरोध बढ़ने के बाद वह इस बात पर सहमत हो गया.
क्या है कॉलेज की ड्रेस?
बुर्का पहने लड़कियों ने बताया कि उनकी नई पोशाक अब क्रीम कलर का कुर्ता होगी साथ ही उनके सलवार का रंग नीले रंग का होगा. 11वीं कक्षा के छात्रों ने अभी तक कॉलेज शुरू नहीं किया है लेकिन 12वीं कक्षा के छात्रों ने इस ड्रेस को पहनना शुरू कर दिया है. हालांकि अभी भी छात्राओं का एक वर्ग इस बात की मांग कर रहा है कि उनको स्कूल में भी बुर्का पहनने की इजाजत दी जाए.