Hijab Row: हिजाब के समर्थन में उतरे ओवैसी, कहा- इंशा अल्लाह 'एक दिन हिजाब पहनी महिला बनेगी प्रधानमंत्री'
Hijab Controversy: विवाद की शुरुआत पिछले महीने उडुपी गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ छात्राओं के हिजाब पहनकर कॉलेज परिसर में जाने पर हुई थी, जिन्हें कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी गई.
Hijab Row: कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब पूरे देश में फैल गया है. सभी राजनीतिक दल के नेताओं से लेकर आम जनता तक सभी इस मुद्दे पर अपनी अपनी राय जाहिर कर रहे है. इसी क्रम में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हिजाब विवाद का समर्थन करते हुए बड़ा बयान दिया है. दरअसल ओवैसी ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक दिन देश की पीएम हिजाब पहनने वाली महिला होगी.
उन्होंने हिजाब के समर्थन में कहा, ' अगर हिजाब पहनने का फैसला हमारी बेटियां करती है और अपने अब्बा या अम्मी से कहती हैं कि उन्हें हिजाब पहनना है तो अब्बा या अम्मी भी कहेंगे की बेटा तू पहन हिजाब हम देखते हैं कौन रोकता है. उन्होंने कहा कि यही हिजाब पहनी बच्चियां कल डॉक्टर, कलेक्टर, एसडीएम भी बनेंगी. ये बिजनेसमैन भी बनेंगी और एक दिन तुम याद रखना, शायद मैं ज़िंदा नहीं रहूंगा, तुम देखना इस देश की बच्ची हिजाब पहनकर प्रधानमंत्री बनेगी.'
इंशा’अल्लाह pic.twitter.com/lqtDnReXBm
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 12, 2022
वहीं योगी आदित्यनाथ ने ओवैसी के इस बयान पर पलटवार भी किया है. उन्होंने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा, 'भारत शरीयत के हिसाब से नहीं, संविधान के हिसाब से ही चलेगा.'
क्या है मामला
हिजाब विवाद की शुरुआत पिछले महीने उडुपी गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ छात्राओं के हिजाब पहनकर कॉलेज परिसर में जाने पर हुई थी, जिन्हें कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी गई. कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि जो छात्रा पहले बिना हिजाब के आती थीं, वे अब अचानक से हिजाब में आने लगी हैं. बाद में छात्राओं ने बिना हिजाब के कक्षाओं में जाने से इनकार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. यह मुद्दा एक विवाद बन गया और कर्नाटक के अन्य जिलों के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी इस मुद्दे को उठाया जा रहा है. इसकी वजह से तनाव बना हुआ है और यहां तक कि हिंसा भी हो चुकी है.
हिजाब विवाद मामले की कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए गुरुवार को आदेश दिया था कि अंतिम आदेश तक छात्रों के लिए किसी भी धार्मिक प्रतीक की अनुमति नहीं है.
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