हिमाचल CM की रेस में सुक्खू कैसे निकल गए आगे, ये तीन फैसले देंगे इसका जवाब
Himachal CM: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री की रेस में कई अनुभवों के साथ सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) को पीछे छोड़ते हुए बाजी मार ली.
Sukhvinder Singh Sukhu: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सत्ता की कमान सुखविंदर सिंह सुक्खू को देने को लेकर मुहर लग गई. सुक्खू हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के नए मुख्यमंत्री होंगे. चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद कांग्रेस (Congress) में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर काफी संशय की स्थिति बनी हुई थी. मुख्यमंत्री को लेकर प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) का नाम पहले काफी चर्चा में रहा, लेकिन उनकी दावेदारी कमजोर पड़ गई और इस रेस में सुखविंदर सिंह आगे निकल गए.
कांग्रेस हाईकमान ने शनिवार को सुखविंदर सिंह सुक्खू को कांग्रेस विधायक दल के नेता यानी मुख्यमंत्री के तौर पर चुना. वहीं, राज्य के डिप्टी सीएम के तौर पर मुकेश अग्निहोत्री को जिम्मेदारी दी जा रही है. 11 दिसंबर यानी आज सुबह 11 बजे सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
प्रतिभा सिंह को छोड़ मारी बाजी
सुखविंदर सिंह सुक्खू NSUI से निकलकर आने वाले नेता हैं. वो, शिमला नगर निगम पार्षद भी रहे थे. 1998 से 2008 तक उन्होंने यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाली. इसके अलावा वो तीन बार नादौन से विधायक भी रहे. कई अनुभवों के साथ हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री की रेस में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रतिभा सिंह को पीछे छोड़ते हुए बाजी मार ली. ऐसे में ये समझना जरूरी है कि आखिरी क्या वजह है कि मुख्यमंत्री को लेकर प्रतिभा सिंह की दावेदारी कमजोर पड़ गई और सुक्खू पर आलाकमान ने भरोसा जताया. आईए जानते हैं-
सुक्खू की दावेदारी कैसे हुई मजबूत?
- सुखविंद सिंह सुक्खू राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के काफी करीब माने जाते हैं. कांग्रेस ने सुखविंद सिंह सुक्खू को बड़ी जिम्मेदारी विधानसभा चुनाव के दौरान दी. उन्हें उम्मीदवार चयन समिति में शामिल किया गया था. अब जब मुख्यमंत्री बनाने की बात सामने आई तो प्रतिभा सिंह को आगे न बढ़ाकर सुक्खू पर भरोसा जताया.
- हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह के परिवार और सुक्खू के बीच सियासी मतभेद कई मौकों पर खुलकर सामने आए हैं. एक समय जब सुक्खू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की बात आई थी तब भी वीरभद्र सिंह का विरोध देखा गया था, लेकिन कांग्रेस ने नाराजगी की चिंता न करते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू को प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी थी.
- बीजेपी अक्सर परिवारवाद का आरोप लगाकर कांग्रेस (Congress) को घेरते रही है. ऐसे में अगर हिमाचल में वीरभद्र के बाद उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को कमान सौंप दी जाती तो एक बार फिर इस मसले पर कांग्रेस घिर सकती थी. सीएम पद के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) को चुनकर विरोधियों को संदेश दिया और भविष्य में परिवारवाद के आरोप लगने का बचाव भी किया.
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