(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Himachal Election Result 2022: हिमाचल कांग्रेस में CM पद के कई दावेदार, रेस में सबसे आगे चल रही प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री पद पर दिया ये बयान
Himachal Election Result 2022: प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं. साथ ही वे हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं.
Himachal Pradesh Election Result 2022: हिमाचल प्रदेश के ताजा रुझानों में कांग्रेस बहुमत का आंकड़ पार कर चुकी है. हिमाचल प्रदेश स्पष्ट जनादेश की ओर बढ़ रहा है जिसमें कांग्रेस को 39 सीटें, बीजेपी को 26 सीटें मिलती दिख रही हैं. रुझानों के साथ-साथ कांग्रेस (Congress) में भी हलचल बढ़ गई है. हिमाचल में सीएम पद के कई दावेदार हैं, लेकिन इस रेस में सबसे आगे पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) हैं.
हिमाचल प्रदेश के नतीजों पर प्रतिभा सिंह की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि जनता ने हमें जनादेश दिया है, डरने की जरूरत नहीं है. हम चंडीगढ़ या राज्य में कहीं भी हमारे विधायकों से मिल सकते हैं. जो जीते हैं वे हमारे साथ रहेंगे और हम सरकार बनाएंगे.
सीएम पद की दावेदारी पर क्या बोलीं प्रतिभा सिंह?
उन्होंने सीएम पद की दावेदारी पर कहा कि मैं क्यों नहीं बन सकती? इस पर पार्टी आलाकमान को फैसला लेना है. हालांकि, आप वीरभद्र सिंह के योगदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. वीरभद्र सिंह के नाम पर हम ये चुनाव जीते हैं. वहीं हिमाचल में कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हाईकमान तय करेगा कि हिमाचल का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. प्रियंका गांधी का 10 सूत्री घोषणापत्र यहां काम कर गया.
कांग्रेस में सीएम पद के कई दावेदार
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बहुमत मिला तो मुख्यमंत्री तय करना पार्टी नेतृत्व के लिए आसान नहीं रहने वाला. सब कुछ निर्भर करेगा कि कांग्रेस कितनी मजबूत स्थिति में होती है और नए विधायकों में किस गुट के कितने हैं. सीएम पद की रेस में आधा दर्जन से ज्यादा नाम हैं. पांच बड़े दावेदार हैं और दो ऐसे नाम हैं जिन्हें छुपा रुस्तम माना जा रहा है.
प्रतिभा सिंह
मंडी लोकसभा सीट से सांसद प्रतिभा सिंह ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन वीरभद्र सिंह की विरासत के तौर वो सीएम पद का दावा कर रही हैं क्योंकि कांग्रेस ने राजा वीरभद्र के चेहरे का इस्तेमाल पूरे प्रचार अभियान में किया था. प्रतिभा सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है.
सुखविंदर सिंह सुक्खू
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस बार प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया था. सुक्खू को राहुल गांधी की पसंद माना जाता है. हालांकि उनके राजा वीरभद्र से मतभेद थे और कहा जाता है कि प्रतिभा सिंह उनकी ताजपोशी के पुरजोर विरोध करेंगी. सुक्खू हमीरपुर जिले की नादौन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जीते तो चौथी बार विधायक बनेंगे.
मुकेश अग्निहोत्री
मौजूदा नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री पहले राजा वीरभद्र सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं. प्रतिभा सिंह के करीबी माने जाते हैं और कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष उनका नाम सीएम के तौर पर आगे कर सकती हैं, लेकिन ब्राह्मण होना अग्निहोत्री की राजनीतिक कमजोरी के तौर पर देखा जा रहा था है. चार बार के विधायक अग्निहोत्री ऊना जिले की हरोली सीट से लड़ रहे हैं.
ठाकुर कौल सिंह
ठाकुर कौल सिंह हिमाचल कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता हैं. 77 साल के कौल सिंह मंडी जिले की दरांग सीट से आठ बार विधायक चुने गए, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं. राजा वीरभद्र सिंह के निधन के बाद प्रतिभा सिंह के समर्थन में मजबूती से खड़े हुए थे. अब उन्हें रिटर्न गिफ्ट मिल सकता है, लेकिन ज्यादा उम्र उनके खिलाफ जाता है. कौल सिंह पिछला चुनाव हार गए थे और एक बार फिर दरंग सीट से मैदान में हैं.
आशा कुमारी
चंबा जिले की डलहौजी सीट से छह बार की विधायक आशा कुमारी पंजाब कांग्रेस की प्रभारी रह चुकी हैं. महिला चेहरे के साथ ही आशा कुमारी का दावा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि वो छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री टी.एस. सिंह देव की बहन हैं. छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के कथित समझौते के बावजूद टी.एस. सिंह देव को सीएम की कुर्सी नहीं मिल पाई थी. माना जा रहा है कि इसकी भरपाई हिमाचल में की जा सकती है.
ये हो सकते हैं छुपे रुस्तम
इन बड़े नामों के अलावा दो ऐसे नाम हैं जिन्हें हिमाचल कांग्रेस के अंदरखाने में छुपा रुस्तम माना जा रहा है. पहले हैं हर्षवर्धन चौहान जो सिरमौर जिले की शिलाई सीट से पांच बार के विधायक हैं. इनके पिता हिमाचल सरकार में मंत्री रह चुके हैं. दूसरा नाम है राजेश धर्माणी का जो कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं और राहुल गांधी की टीम के करीबी हैं. धर्माणी बिलासपुर की घुमारवीं सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं हालांकि पिछला चुनाव हार गए थे.
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