HP Assembly Elections 2022: हिमाचल प्रदेश में अब चुनाव प्रचार थम गया है. कल (12 नवंबर ) को प्रदेश में वोट पड़ने वाले हैं. कल हिमाचल के सभी विधानसभा सीटों पर मतदान होंगे. एक तरफ भारतीय जनता पार्टा (BJP) जो अभी सत्ता में है. उसने दावा किया है कि राज्य में एक बार फिर से उसकी सरकार बनने जा रही है. दुसरी तरफ कांग्रेस पार्टी का दावा है कि प्रदेश में जनता के दिल में मौजूदा सरकार के खिलाफ काफी आक्रोश है. कांग्रेस का मानना है कि हिमाचल में सत्ता विरोधी लहर बहुत ही तेज है. प्रदेश में हर 5 साल में सत्ता बदलने का परंपरा रहा है.

इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और सीपीआई (एम) भी चुनावी रण में हैं, हालांकि ये दोनों पार्टियां पहाड़ी इलाको में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाएंगी. आइए हम आपको बताते है कि इस विधानसभा चुनाव के 5 अहम मुद्दे क्या रहे .

1. बेरोजगारी
इस साल के विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी एक प्रमुख मुद्दा माना जा रहा है, कांग्रेस पहले ही इस मुद्दे को उठा चुकी है. दरअसल, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के मुताबिक, हिमाचल में बेरोजगारी दर 9.2%  तक पहुंच गई है. हाल ही में हुए एक सर्वे में पता चला कि इस चुनाव में बेरोजगारी एक अहम मुद्दा बनने वाली है. इस सर्वे में सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया, जिसमें पाया गया कि हिमाचल में लगभग 15 लाख बेरोजगार व्यक्ति हैं.इनमें  से 8.77 लाख ने पूरे हिमाचल में रोजगार कार्यालयों में नौकरियों के लिए पंजीकरण कराया है.

2. सेब किसानों का आंदोलन
हिमाचल में बीते कुछ सालों में कई किसानों के आंदोलन हुए हैं. सबसे बड़ा आंदोलन सेब उत्पादकों वाले किसानों का था. सेब की खेती हिमाचल में बहुत ही ज्यादा मात्रा में की जाती है. हालांकि इसके लिए लागत की भी जरूरत होती है. सेब उद्योग को बढ़ती इनपुट लागत, अनिश्चित मौसम, ईंधन की लागत में वृद्धि और बड़े कृषि को दिए जाने वाले राहत नहीं मिलने के कारण संकट का सामना करना पड़ रहा है. जीएसटी को 12 परसेंट से बढ़ाकर 18 परसेंट कर दिए जाने से भी यहां के किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

3.कनेक्टिविटी

हिमाचल का अधिकतर क्षेत्र जंगलों  से भरा पड़ा है. यह एकमात्र ऐसा राज्य है जहां रोड बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से परमिशन लेना पड़ता है. इस राज्य अधिकतर गांव सड़कें खराब हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद इस बात को माना है कि राज्य में 17,882 गांवों में केवल 10,899 ऐसे गांव हैं, जहां सड़कें अच्छी है. इस राज्य में 39% गांव को जोड़ने वाली कोई सड़क नहीं है. चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नई 3,125 किलोमीटर सड़क योजना की शुरुआत किया है.

4. पुरानी पेंशन योजना
हिमाचल विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा भी काफी अहम है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने अक्टूबर में हिमाचल में अपनी पार्टी का प्रचार रैली की शुरुआत की, तो उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाल किया जाएगा. हिमाचल एक ऐसा राज्य है जहां सरकारी नौकरियां रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, यह बात इसे एक महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा बनाता है. हिमाचल प्रदेश में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर रमेश के चौहान ने कहा, "विपक्षी दल इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनाने के लिए उत्सुक हैं क्योंकि इस बदलाव का असर 1.75 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों पर पड़ेगा.

5. अग्निपथ योजना
हिमाचल प्रदेश में आर्मी भर्ती के उम्मीदवार बहुत ज्यादे हैं. यहां भी केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना का भारी विरोध हुआ था. हिमाचल में युवाओं ने, विशेष रूप से, इस योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की थी. हालांकि कुछ दिन के बाद अब विरोध प्रदर्शन शांत हो गए हैं. देश में बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुए अग्निपथ योजना आगामी चुनावों में एक फ्लैशपॉइंट बन सकती है.



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