शिमला: हिमाचल प्रदेश की बीजेपी सरकार पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर के ऊपर चल रहा भ्रष्टाचार का मुकदमा बंद करना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार अनुराग ठाकुर पर कोर्ट में चल रहे मुकदमें को वापस लेने का फैसला किया है. सोमवार को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने पिछली सरकार के समय दर्ज 'राजनीति से प्रेरित' मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है. हालांकि, कोर्ट ने राज्य सरकार की तरफ से पेश एडवोकेट जनरल अशोक शर्मा से ये पूछ लिया कि क्या ये मामला भी इस दायरे में आता है. सुनवाई 17 अप्रैल के लिए टल गई है.
हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे ठाकुर के खिलाफ ये मुकदमा पिछली कांग्रेस सरकार ने दर्ज किया था. उन पर धर्मशाला में स्टेडियम बनाने में करोडों रुपए के फंड के दुरुपयोग और धोखाधड़ी समेत कई आरोप हैं. हालांकि सुनवाई में एक अजीबोगरीब स्थिति ये भी देखने को मिली कि अनुराग ठाकुर के लिए हिमाचल के एडिशनल एडवोकेट जनरल अभिनव मुखर्जी पेश हुए. यानी राज्य सरकार के खिलाफ सरकार का ही एक आला वकील पेश किया गया था.
वैसे ये अलग बात है कि अभिनव मुखर्जी ने राज्य सरकार से कुछ निजी मामलों में पेश होने की इजाज़त ली हुई है. ये ऐसे मामले हैं जो मुखर्जी राज्य सरकार के वकील बनने से पहले देख रहे थे. अनुराग ठाकुर का मामला भी उनमें से एक है.