कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते अब हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में खून की कमी होने की बात सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक आने वाले हफ्तों में जिन ब्लड डोनेशन कैंपस को लगाया जाने वाला था उन्हें लॉकडाउन और सार्वजनिक परिवहन के निलंबन के कारण स्थगित कर दिए गया है.


बताया जा रहा है कि शिमला में 9 अलग जगहों पर एनजीओ, छात्रों और कल्याण समूह बल्ड डोनेशन कैंप लगाने वाले थे जो तीन मुख्य अस्पतालों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए थे. मिली जानकारी के मुताबिक इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल और कमला नेहरू अस्पताल में खून की कमी देखने को मिल रही थी जिसके बाद इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए कैंप लगाये जाने वाले थे.


अभी हमारे पास 300 यूनिट रक्त उपलब्ध है- संदीप मल्होत्रा


इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के प्रमुख संदीप मल्होत्रा ​​का कहना है कि, “अभी हमारे पास 300 यूनिट रक्त उपलब्ध है. यह एक हफ्ते के लिए पर्याप्त है क्योंकि मांग भी एक दिन में 50 सर्जरी के साथ 50 यूनिट तक गिर गई है. वहीं हमें डर है कि आने वाले दिनों में इसकी कमी हो सकती है.


हम जुतोग के पास सायरी में कैंप लगा रहे हैं- अजय श्रीवास्तव


कस्बों में ब्लड डोनेशन कैंप के रद्द होने के कारण एनजीओ ग्रामीण क्षेत्रों से के युवा पीढ़ियों को प्रेरित करने में जुटा है कि वो रक्तदान करें. उमंग फाउंडेशन के संस्थापक अजय श्रीवास्तव कहते हैं, ''हम जुतोग के पास सायरी में कैंप लगा रहे हैं. बता दें,  अजय श्रीवास्तव ने पिछले साल लॉकडाउन के बावजूद 800 रक्त इकाइयां एकत्र की थीं.


शिमला में मुफ्त लंगर और एम्बुलेंस सेवाएं चलाने वाले सर्वशक्तिमान आशीर्वाद के संस्थापक सरबजीत सिंह बॉबी कहते हैं, "हम रक्त दान करने के इच्छुक लोगों को मुफ्त पिक-अप और ड्रॉप सुविधा प्रदान करते हैं." उन्होंने युवा पीढ़ी से अनुरोध किया कि वो इस कैंप पर आकर ब्लड डोनेट करें.


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