प्रतिभा सिंह की जगह सुखविंदर सुक्खू को हिमाचल का CM बनाना कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक? ये हैं बड़े कारण
Congress पर हमेशा से वंशवादी होने का आरोप लगता रहा है. ऐसा कहा जाता है कि कांग्रेस में हमेशा बड़े राजनीतिक परिवारों के व्यक्तियों को नेतृत्व समूह में रखा जाता है.
Sukhwinder Singh Sukhu: कांग्रेस ने 40 विधानसभा सीटों के साथ हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत तो हासिल कर ली, लेकिन मुख्यमंत्री का नाम फाइनल करने में पार्टी को लंबी दौर की चर्चा से गुजरना पड़ा. कई अटकलों के बाद आखिरकार शनिवार शाम को पार्टी ने मुख्यमंत्री (Chief Minister) तय कर ही लिया.
सुखविंदर सिंह सिक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) हिमाचल के अगले मुख्यमंत्री चुने गए हैं. उनके बाद इस दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) थीं. यही कारण है कि सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला पार्टी के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था. चलिए अब यह समझते हैं कि सुक्खू को हिमाचल का सीएम बनाना कांग्रेस के लिए मास्टर स्ट्रोक क्यों है?
सुक्खू को चुनना मास्टर स्ट्रोक क्यों है?
सुक्खू एक मामूली परिवार से आते हैं और अपने शुरुआती दिनों में शिमला में मिल्क कॉर्नर चलाते थे. उनके जैसे किसी व्यक्ति को चुनना दर्शाता है कि पार्टी अपने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत कर रही है. पार्टी के भीतर उनके सीएम बनाने तक की कहानी भी बहुत प्रेरणादायक है. उन्होंने 2013 से लेकर 2019 तक हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में काम किया है. हालांकि, माना जाता रहा है कि इस दौरान कई बार उनके और वीरभद्र सिंह के बीच टकराव की स्थिति पैदा होती थी.
वंशवाद की राजनीति का दाग हटेगा?
कांग्रेस पर हमेशा वंशवादी होने का आरोप लगता रहा है. ऐसा कहा जाता है कि कांग्रेस में हमेशा बड़े राजनीतिक परिवारों के व्यक्तियों को नेतृत्व समूह में रखा जाता है. ऐसे में अब जब प्रतिभा सिंह के ऊपर पार्टी ने सुक्खू को चुना है तो इस फैसले का बहुत से लोग स्वागत कर रहे हैं और इस एक बदलाव के रूप में देख रहे हैं.
कार्यकर्ताओं में आएगा उत्साह
कांग्रेस में हमेशा से ही पुराने और बड़े राजनीतिक चेहरों को नेतृत्व करने का जिम्मा मिलता आया है. हालांकि, इस बार सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने से आम कार्यकर्ताओं में भी जोश दिख रहा है. पार्टी के इस कदम से कैडर का भी मनोबल बढ़ेगा. अब उनके अंदर यह भावना जाग रही है कि वो भी शीर्ष तक पहुंचने की आकांक्षा रख सकते हैं. इससे कांग्रेस पार्टी की जमीनी स्तर पर काफी लाभ होगा.
इन क्षेत्रों में भी डालेंगे प्रभाव
सुक्खू का गृह क्षेत्र हमीरपुर निचले-मध्य हिमालय और बड़े कांगड़ा क्षेत्र का हिस्सा है. वीरभद्र सिंह पर अक्सर शिमला और ऊपरी पहाड़ियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया जाता था, जहां रियासतों के उन्मूलन के लंबे समय बाद तक प्रतिभा सिंह को 'रानी' कहा जाता था. वहीं सुक्खू को कुर्सी देने से पार्टी को एक व्यापक क्षेत्रीय पहुंच मिलने की पूरी उम्मीद है.
कांग्रेस ने कास्ट फैक्टर का भी रखा ध्यान
एक समुदाय के रूप में ठाकुर/राजपूतों की केंद्र में वीरभद्र सिंह के परिवार के साथ हिमाचल कांग्रेस की राजनीति में एक प्रमुख भूमिका रही है. सिक्खू भी इसी समुदाय से आते हैं. ऐसे में सुक्खू को शीर्ष पद देने से जाति का गणित ज्यादा नहीं हिलेगा. मुकेश अग्निहोत्री को उप मुख्यमंत्री बनाकर भी कांग्रेस पार्टी ने संतुलन बनाने की कोशिश की है, क्योंकि प्रदेश में ब्राह्मण भी राजनीतिक रूप से भी प्रभावशाली हैं.