हिमाचल समग्र शिक्षा अभियान में करोड़ों की किताब खरीद प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर कल कई प्रमुख प्रकाशक हिमाचल प्रदेश विधानसभा का घेराव करेंगे. उत्तर-मध्य भारत हिन्दी प्रकाशक संघ ने विधानसभा घेराव का एलान किया है.दरअसल, समग्र शिक्षा अभियान में किताबों को खरीदने की प्रक्रिया को लेकर प्रकाशक में गहरा आक्रोश है. पिछले दो-माह से इसको लेकर प्रकाशकों और शिक्षा विभाग में गतिरोध चल रहा है.


कुछ समय पहले उत्तर-मध्य भारत हिंदी प्रकाशक संघ की आपात बैठक दिल्ली के मुख्य कार्यालय में बुलाई गई थी, जिसमें प्रकाशकों ने विधानसभा के प्रतीकात्मक घेराव निर्णय लिया था. इस बैठक में वाणी प्रकाशन समूह के अरुण माहेश्वरी ने राज्य में किताबों के चयन व खरीदी प्रक्रिया में गोलमाल का आरोप लगाया था. बैठक में संगठन जुड़े तरुण विजय पचौरी, मेघराज जैन, टीपी तिवारी, राजीव शर्मा, लव कुश सिंह, संजय शर्मा व अध्यक्ष विक्रम द्विवेदी आदि शामिल हुए थे. प्रकाशकों ने हिमाचल सरकार पर केवल दो-तीन प्रकाशकों को ही तरजीह देने का आरोप लगाया था. 


ये है किताब खरीद मामला
दरअसल, मार्च में हिमाचल प्रदेश समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक की ओर से पहली से 12वीं कक्षा तक की किताबों के लिए सैंपल मांगे गए थे. इसमें कहानियों, बच्चों की नामी पत्रिकाओं सहित दूसरी किताबें शामिल थीं. जानकारी के अनुसार परियोजना निदेशक को एक हजार से ज्यादा प्रकाशकों और वितरकों ने किताबों के सैंपल भेजे थे. परियोजना निदेशक की ओर से गठित चयन समिति में इन सैंपल को रखा गया था.


प्रकाशकों का आरोप है कि इस प्रक्रिया में कुछ जुगाड़ वाले प्रकाशकों की किताबों का चयन किया गया. इनमें से कुछ ही नामी प्रकाशक हैं. बाकी प्रकाशकों की किताबों का चयन नहीं करने का कोई कारण भी नहीं बताया गया. तब से ही प्रकाशक इस खरीद प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर विरोध कर रहे हैं और अब कल विधानसभा का घेराव करने के लिए तैयार हैं.


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