शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की बात कही गई है. इससे पहले बीजेपी शासित राज्य उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना था जिसने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग की थी. इसमें रोचक ये है कि हिमाचल में गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का प्रस्ताव कांग्रेस के विधायक अनिरुद्ध सिंह ने रखा था जिसका समर्थन बीजेपी के विधायकों ने किया. अब हिमाचल प्रदेश विधानसभा इस प्रस्ताव को केन्द्र सरकार के पास विचार के लिए भेजेगी.
प्रस्ताव रखने वाले कांग्रेस के कसुम्पटी से विधायक अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि गाय कोई राजनीतिक मसला नहीं है. उन्होंने कहा कि गाय किसी धर्म, मजहब और जाति से जुड़ा हुआ मसला नहीं है. उन्होंने कहा कि गाय का मानवता में एक बड़ा योगदान है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की इसलिए जरूरत है क्योंकि लोग गाय जब दूध देना बंद कर देती है तो उसे छोड़ देते हैं. उन्होंने गाय के नाम पर होने वाली गौरक्षा और मॉब लीचिंग को रोकने के लिए कानून बनाने की भी मांग की.
हिमाचल के पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि गाय के लिए सिरमौर जिले में गौशाला बनाने के लिए 1.52 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. कांग्रेस विधायक ने प्रदेश सरकार से गाय के क्षेत्रीय प्रजातिओं को प्रमोट करने की मांग की जिसका नाम गौरी किया जा रहा है. इसके नाम बदलने के लिए राज्य सरकार पहले ही नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसॉर्स को अप्रूवल के लिए लिख चुकी है. विधायक ने राजस्थान की तर्ज पर अलग से गाय मंत्रालय बनाने की मांग की.
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