नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को विधानसभा चुनाव में शाम पांच बजे तक 74 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. चुनाव आयोग ने मतदान के इस स्तर को पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में हुए मतदान से अधिक बताया. उपचुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों पर सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक हुआ मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा.


संदीप सक्सेना ने कहा कि शाम पांच बजे मतदान खत्म होने तक 74 प्रतिशत मतदान हुआ था. लगभग 500 मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की कतारें लगी हुई थीं, इसलिए मतदान का स्तर बढ़ना तय है. उन्होंने कहा कि साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में 73.51 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि साल 2014 में लोकसभा चुनाव में राज्य के 64.45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.


हालांकि इस लिहाज से इस चुनाव में रिकॉर्ड मतदान होने के सवाल पर सक्सेना ने कहा कि इस बारे में आधिकारिक तौर पर मतदान संबंधी आंकड़ों का अंतिम विश्लेषण किए जाने के बाद ही कुछ भी कहना मुनासिब होगा. सक्सेना ने कहा कि राज्य में आज हुए मतदान के दौरान कहीं से भी किसी भी तरह की हिंसा या अप्रिय घटना की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी है. उन्होंने इसे शांतिपूर्ण, सुरक्षित और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए आयोग की तरफ से किए गए पुख्ता इंतजामों का परिणाम बताया.


68 सीटों के लिए 318 पुरुष और 90 महिला उम्मीदवार


उपचुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने बताया कि इस चुनाव में हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 68 सीटों के लिए 318 पुरुष और 90 महिला उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे थे. इनमें से सर्वाधिक 18 उम्मीदवार धर्मशाला सीट पर और सबसे कम दो उम्मीदवार झंडूटा सीट पर थे. राज्य के 50 लाख 25 हजार 941 पंजीकृत कुल मतदाताओं को 19 महिलाओं सहित कुल 337 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करना था. इसके लिए राज्य में बनाए गए कुल 7525 मतदान केन्द्रों पर वीवीपेट युक्त 11283 ईवीएम का इंतजाम किया गया था. उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायतों के चलते 297 ईवीएम को बदलना पड़ा.


संदीप सक्सेना ने बताया कि चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया के दौरान होने वाले व्यय का पूरी तरह से ई भुगतान प्रक्रिया को सफलतापूर्वक लागू किया गया. देश में इस प्रयोग का यह पहला सफल प्रयास था. दूसरी अहम बात समूची चुनाव प्रक्रिया को आयोग की तरफ से विकसित सॉफ्टवेयर ‘‘आरओ नेट’’ के जरिए सम्पन्न करना रही. उन्होंने कहा कि यह भी अपनी तरह का पहला प्रयोग था.


मतदाताओं की सुविधा के लिए किए गए इंतजाम


उपचुनाव आयुक्त ने चुनाव में मतदान का रिकॉर्ड स्तर बरकरार रहने के पीछे मतदाताओं की सुविधा के लिए किए गए इंतजामों को अहम वजह बताया. उन्होंने कहा कि पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित 136 मतदान केन्द्रों के अलावा 231 मॉडल मतदान केंद्र भी बनाए गए थे. इनमें दृष्टिबाधित, अशक्त, बुजुर्ग और गर्भवती महिला मतदाताओं के लिए मतदान के विशेष इंतजाम किए गए थे. हर मतदाता तक मतदान की सुविधा पहुंचाने की कवायद के तहत लाहौल स्फीति विधानसभा क्षेत्र में महज छह मतदाताओं के लिए ‘का’ नामक स्थान पर मतदान केन्द्र बनाया गया था.


केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष से पूरी निगरानी


सुरक्षित मतदान संपन्न कराने के लिए राज्य में केन्द्रीय सशस्त्र बलों और राज्य पुलिस बल के कुल 24267 जवान तैनात किए गए थे. निष्पक्ष मतदान के लिए समूची मतदान प्रक्रिया की वेब कास्टिंग की गयी. जिसके माध्यम से केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष से पूरी निगरानी की गयी. मतदान के दौरान गड़बड़ी करने की कोशिश की शिकायतों के मद्देनजर अराजक तत्वों के विरुद्ध दो हजार से अधिक गैर जमानती वारंट जारी करते हुए 267 अवांछित तत्वों को पकड़ा गया.  साथ ही चुनाव प्रक्रिया के दौरान अवैध रूप से ले जायी जा रही 1.61 करोड़ रुपये की नगदी, 3.44 लाख लीटर अवैध शराब और 80 किग्रा नशीले पदार्थ जब्त किए गए. सक्सेना ने कहा कि अवैध सामग्री की यह धरपकड़ पिछले चुनावों की तुलना में काफी अधिक थी, जो कि इस बार सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों का प्रमाण है.