Himachal News: हिमाचल प्रदेश में 73 हुई बर्फानी तेंदुओं की संख्या, ऐसी गिनती करने वाला बना पहला राज्य
Snow Leopards: हिमाचल प्रदेश में तीन वर्षों की अवधि में बर्फानी तेदुओं की गिनती की गई है. इनकी अनुमानित संख्या 73 तक बताई जा रही है.
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Snow Leopards in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बर्फानी तेंदुओं (Snow Leopards) और उनका शिकार बनने वाले जानवरों को लेकर अध्ययन किया गया. राज्य के वन विभाग (Forest Department) ने एक एनजीओ (NGO) के साथ मिलकर इन तेदुओं के आंकड़े जुटाए हैं. अनुमान जताया गया है कि राज्य में 52 से लेकर 73 बर्फानी तेंदुए तक हो सकते हैं.
राज्य वन विभाग के वन्य प्राणी प्रभाग ने बेंगलुरु (Bangalore) के प्रकृति संरक्षण फाउंडेशन (Nature Conservation Foundation) के सहयोग से बर्फानी तेंदुओं की गिनती की है. हिमाचल प्रदेश ऐसी गिनती करने वाला पहला राज्य बन गया है.
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के स्नो लेपर्ड पॉपुलेशन असेसमेंट इन इंडिया के प्रोटोकोल के आधार पर बर्फानी तेंदुओं की गिनती का आकलन किया गया है. इन तेंदुओं की गिनती करने में तीन साल का समय लगा है.
इन जगहों पर पाए जाते हैं हिम तेंदुए
प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (पीसीसीएफ) राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फानी तेंदुए पाए जाते हैं. जानकारी के मुताबिक, बर्फानी तेंदुए का घनत्व 0.08 से 0.37 प्रति सौ वर्ग किलोमीटर है. स्पीति, पिन घाटी और ऊपरी किन्नौर के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फानी तेंदुए और उसके शिकार जानवरों आइबैक्स और भरल का घनत्व सबसे ज्यादा पाया गया है.
राजीव कुमार ने बताया कि दस स्थलों भागा, हिम, चंद्र, भरमौर, कुल्लू, मियार, पिन, बसपा, ताबो और हंगलंग में हिम तेंदुओं का पता चला है. भागा के अध्ययन से यह भी पता चला है कि बर्फानी तेंदुए की एक बड़ी आबादी संरक्षित क्षेत्रों के बाहर है.
हिमाचल में पक्षियों की इतनी प्रजातियां
राजीव कुमार ने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश में 640 पक्षियों की प्रजातियां रेकॉर्ड की गई है. इनमें से सात किस्म की दुर्लभ मुर्गा प्रजातियां भी मिली हैं, जिसमें जुजुराना भी शामिल है. अधिकारी ने कहा कि हिमाचल के वनों में अब भी वन्य प्राणियों की कई प्रजातियां हैं जिनके बारे में शोध करने की जरूरत है.
राजीव कुमार ने कहा कि स्नो लेपर्ड को लेकर 'सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट' भी चलाया जा रहा है जिसमें लोगों को वन्य प्राणियों के बारे में जागरूक कर वनों में न जाने और स्नो लेपर्ड जैसे दुर्लभ जानवरों का शिकार नहीं करने के लिए कहा जा रहा है. इन दिनों प्रदेश में वन्य प्राणी सप्ताह भी मनाया जा रहा है, जिसमें वन्य प्राणियों के सरंक्षण और संबर्धन को लेकर लोगों को जानकारी दी जा रही है.
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